नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोलकाता से नर्सों के अपने-अपने गृह राज्य पलायन करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिंता जाहिर की और उन्होंने निजी अस्पतालों के अधिकारियों को स्थानीय लोगों को इस कार्य के लिये प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों को सुझाव दिया कि मरीज को ऑक्सीजन देने और उसके शरीर का तापमान दर्ज करने जैसे बुनियादी कार्यों के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने के विकल्प पर विचार करें। बनर्जी ने चिकित्सा संस्थानों को भी सुझाव दिया कि वे सेवानिवृत्त नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क करें और उन्हें कुछ समय के लिए सेवा देने को कहें।
उन्होंने कहा, '' मैंने सुना है कि 300-350 नर्सें राज्य छोड़कर चली गईं। ऐसे में निजी अस्पताल कैसे काम कर सकेंगे? मैंने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा से कहा है कि वे निजी अस्पतालों से बात कर बुनियादी कार्यों के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण के विकल्प पर विचार करें।''
ये नर्सें मणिपुर, त्रिपुरा और ओडिशा की थी। पिछले सप्ताह वे शहर के निजी अस्पतालों में नौकरी छोड़ कर अपने राज्यों के लिये रवाना हो गई।
इस्तीफा देने वाली एक नर्स ने फोन पर कहा, ''हमारे अभिभावक चिंतित हैं और यहां रोजाना मामले बढ़ने से हम भी काफी तनाव में हैं। हमारा राज्य एक हरित प्रदेश है और हम घर वापस जाना चाहते हैं। परिवार और माता-पिता हमारी प्राथमिकता है।'' एक अन्य नर्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ''अगर हम जीवित बचें, तो आगे भी नौकरी मिल जाएगी।''
इस बीच, पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से छह मौतें हुई। इसके साथ ही राज्य में कुल मृतक संख्या बढ़ कर 172 पहुंच गई। वहीं, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 148 नए मामले सामने आए और संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 2,825 हो गये।