पुरुलिया: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से आज सुबह दर्दनाक वीडियो सामने आया। बीजेपी नेता सुकांतो मजूमदार ने ये वीडियो जारी किया और बंगाल की सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। वहीं बंगाल में हुए इस मॉब लिंचिंग की घटना की महाराष्ट्र के पालघर वाले मामले से तुलना की जा रही है। अब इस घटना के बाद जिस साधु के साथ लोगों ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया है उन्होंने मीडिया के सामने बयान दिया है। पीड़ित साधु ने इस दर्दनाक घटना की पूरी कहानी मीडिया के साथ बताई। साथ ही उन्होंने खुद पर लगाए आरोपों से भी इंकार किया।
भीड़ ने गाड़ी में की तोड़फोड़
पीड़ित साधु मधुर गोस्वामी ने बताया कि 'हम गंगासागर जा रहे थे, तभी रास्ते में अचानक से गाड़ी को रोक लिया। हम लोगों के साथ धक्का-मुक्की की और मारपीट की और गाड़ी में तोड़फोड़ कर दिया। पुलिस प्रशासन वहां गया फिर हमें थाने में रख दिया।' कितने लोग थे, ये पूछे जाने पर मधुर गोस्वामी ने बताया कि 'कोई पता नहीं... ना जाने 200 आदमी थे या 300 आदमी थे। हमको तो बेहोशी आ गई थी।' वहीं लड़की लेकर भागने वाली बात कर मधुर गोस्वामी ने कहा कि 'ऐसा कुछ नहीं है। बाद में वो भी बेटियां आई और हमसे माफी मांगी। हमने कहा कि बेटी हमारा ही कोई पाप रहा होगा जो हमे ये दंड भोगना पड़ रहा है।'
कोई कार्रवाई नहीं चाहते संत
मधुर गोस्वामी से पूछा गया कि अब वह इस मामले में क्या कार्रवाई चाहते हैं, जिसपर उन्होंने कहा कि 'साहब हम तो कुछ नहीं चाहते क्योंकि हम संत हैं।' उन्होंने कहा कि अब हम वापस अपने आश्रम जा रहे हैं। पत्रकारों द्वारा गंगासागर ना जाने को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'अब हम गंगासागर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि हमारी गाड़ी को तोड़ दिया गया है।' यहां बता दें कि पुरुलिया में हुई इस घटना के बाद से राजनीति भी तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी द्वारा पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं तो वहीं टीएमसी के नेता भाजपा को कटघरे में खड़े कर रहे हैं।
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