पुरुलिया: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुरुलिया की चुनावी रैली में बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने सीधे तौर पर तो बीजेपी का नाम नहीं लिया मगर कहा- रैली कीजिए-बैठक कीजिए लेकिन दंगा नहीं करना, दंगा तो वे(BJP) करेंगे। 19 अप्रैल को मतदान हैं, 17 अप्रैल को वे दंगा करेंगे। राम तो आपकों नहीं कहते कि आप दंगा करें लेकिन ये लोग दंगा करेंगे और दंगा करके NIA को राज्य में दाखिल करवाएंगे।"
ममता बनर्जी ने कहा कि पुरुलिया में हर घर पानी यह मोदी का गारंटी नहीं, बंगाल सरकार की गारंटी है। एनआईए रात के अंधेरे में घर पर घुसा दिया है! रामनवमी आ रहा है एक चॉकलेट बम फूटने से भी एनआईए को घुसा देगा।
क्या महिलाएं शांत बैठी रहेंगी?
इससे पहले शनिवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में ग्रामीणों ने एनआईए के अधिकारियों पर हमला नहीं किया बल्कि एनआईए के अधिकारियों ने ग्रामाणों पर हमला किया।मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की प्रतिक्रिया को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताकर उनका बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी का दल ‘‘2022 में पटाखों में विस्फोट’’ की एक घटना की जांच के सिलसिले में तड़के ग्रामीणों के घरों में घुस गया। न्होंने कहा, ‘‘अगर वे (एनआईए) रात में उनके घर जाएंगे तो क्या महिलाएं शांत बैठी रहेंगी? वे अपना बचाव करने की कोशिश करेंगी?’’
बम विस्फोट की जांच के सिलसिले में पहुंची थी एनआईए की टीम
दरअसल, पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में 2022 के बम विस्फोट मामले की जांच के लिए गए एनआईए के दल पर ग्रामीणों ने शनिवार को हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि एनआईए अधिकारियों के एक दल ने इस मामले के संबंध में बुधवार सुबह दो लोगों को गिरफ्तार किया और यह दल कोलकाता वापस जा रहा था, तभी उसके वाहन पर हमला हुआ। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। एनआईए ने कहा है कि उसका एक अधिकारी घायल भी हुआ है।’’ एनआईए ने भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। भूपतिनगर में तीन दिसंबर, 2022 को एक कच्चे घर में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। शनिवार की इस घटना ने पांच जनवरी की उस घटना की याद दिला दी, जब उत्तरी 24 परगना के संदेशखालि इलाके में राशन घोटाले के सिलसिले में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला किया गया था। (इनपुट-भाषा)