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ललन शेख मौत: सीआईडी ने CBI को जारी किया नोटिस, पश्चिम बंगाल में फिर शुरू हो सकता है सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियों का युद्ध

इस मामले में TMC सीबीआई हिरासत में लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रही है, तो BJP तृणमूल कांग्रेस पर सीबीआई को बदनाम करने और केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे अन्य मामलों में जांच रोकने के लिए साजिश रचने का आरोप लगा रही है।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Dec 18, 2022 14:34 IST, Updated : Dec 18, 2022 14:34 IST
ललन शेख
Image Source : FILE ललन शेख

बोगतुई नरसंहार के मुख्य आरोपी ललन शेख की रहस्यमयी मौत को लेकर सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस के बीच चल रहे विवाद ने रविवार को और गंभीर रूप ले लिया, जब राज्य की सीआईडी ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस भेजा। शेख की 12 दिसंबर की शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, बोगतुई नरसंहार के जांच कार्यालय विलास बाला मडघुत को भेजे गए नोटिस में पश्चिम बंगाल की सीआईडी ने कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। नोटिस में राज्य की जांच एजेंसी ने बीरभूम जिले में सीबीआई के रामपुरहाट कैंप कार्यालय में ललन शेख की मौत के कारणों का स्पष्टीकरण मांगा है।

नोटिस में जांच की रिपोर्ट CID को सौंपने को कहा गया 

सीआईडी ने 12 दिसंबर की शाम आरोपी की मौत के दिन बोगतुई जांच अधिकारी से रामपुरहाट कैंप कार्यालय में सुरक्षा व्यवस्था के विवरण के बारे में भी पूछा है। बोगतुई जांच अधिकारी को कैंप कार्यालय में सभी सीसीटीवी फुटेज सीआईडी को जमा करने के लिए भी कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारी को नोटिस के आधार पर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सीआईडी को सौंपने को भी कहा गया है।

ललन शेख की मौत के मामले में 7 सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर बीरभूम जिला पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी और बाद में सीआईडी-पश्चिम बंगाल ने जांच को अपने हाथ में ले लिया। हालांकि, सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ में एफआईआर को चुनौती देते हुए दावा किया कि यह पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी घोटाले के एजेंसी के जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नाम के रूप में राजनीति से प्रेरित है और जिसका सीबीआई की अलग टीम से कोई संबंध नहीं है। बोगतुई मामले की जांच कर रहे सीबीआई को एफआईआर में शामिल किया गया था।

हाईकोर्ट ने CBI अधिकारियों की गिरफ्तारी पर लगाई है रोक 

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल न्यायाधीश पीठ ने एफआईआर में नामित 7 सीबीआई अधिकारियों में से किसी की गिरफ्तारी समेत कोई ठोस कार्रवाई किए बिना सीआईडी-पश्चिम बंगाल को जांच करने की अनुमति दी।

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