Friday, September 20, 2024
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कोलकाता रेप-मर्डर केस: वारदात को लेकर उठाए गए क्या-क्या कदम? कहां तक पहुंची जांच? जानिए पुलिस की पूरी क्रोनोलॉजी

कोललकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहोल हो गया। डॉक्टर के संगठनों और अन्य लोगों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है। आइये जानतें हैं, इस मामले में कोलकाता पुलिस ने कहां तक कार्रवाई की है?

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Dhyanendra Chauhan Updated on: August 23, 2024 10:43 IST
आरोपी संजय रॉय- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आरोपी संजय रॉय

कोलकाता महिला ट्रेनी डॉक्टर रेप कांड और हत्या के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी संजय रॉय का भी पॉलीग्राफी टेस्ट पेंडिंग है, जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने कल इस पर लोकल कोर्ट को फैसला करने को कहा है। संजय रॉय, संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स को मिलाकर अब 6 लोगो के पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी मामला कोर्ट में है। इस पर शुक्रवार को फैसला होना है। ऐसे में इस पूरे मामले पर कोलकाता पुलिस की वारदात को लेकर उठाए गए कदम की पूरी क्रोनोलॉजी समझते हैं।

यहां जानिए कोलकाता पुलिस की पूरी क्रोनोलॉजी

तारीख- 09 अगस्त 2024, 9:30 a.m. - डॉ सुमित्रा राय जो की चेस्ट डिपार्टमेंट में  पीजीटी 1ST ईयर की स्टूडेंट  हैं, उस दिन वार्ड में ड्यूटी पर थीं। वार्ड में राउंड से पहले सुमित्रा राय सेमिनार हॉल में पीड़िता को ढूंढते हुए पहुंची थीं। सुमित्रा राय कुछ दूरी से पीड़िता की बॉडी को अचेत अवस्था में देखती हैं। तभी वह अपने कलीग्स और सीनियर डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देते हैं। इसके बाद हॉस्पिटल अथॉरिटी को जानकारी दी गई।

  • 10:10 a.m.-  ताला पुलिस स्टेशन को आर जी कर अस्पताल की तरफ से टेलीफोन के जरिए जानकारी दी जाती है। इसमें एक महिला के अचेत अवस्था में बॉडी के पड़े होने की जानकारी दी जाती है।  जानकारी में यह कहा जाता है की महिला अनकॉन्शियस (अचेत) हालत में चेस्ट वार्ड के सेमिनार रूम में एक लकड़ी के प्लेटफार्म पर पड़ी है। यह वार्ड इमरजेंसी बिल्डिंग के तीसरी मंजिल पर है। अनकॉन्शियस स्टेट में महिला अर्धनग्न अवस्था में है। इस जानकारी को पुलिस स्टेशन की जीडी एंट्री नंबर 542 में दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिसकर्मी पुलिस स्टेशन से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
  • 10:30 a.m- पुलिस स्टेशन से पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचते हैं और हालात का जायजा लेते हैं। पुलिस अधिकारी पीड़िता के बारे में जानकारी हासिल कर तुरंत अपने सीनियर ऑफिसर को बताते है। इसके बाद एमीडिएटली सीन ऑफ क्राइम को कॉन्टैमिनेट होने से बचाने के लिए सुरक्षित कर दिया जाता है।
  • 10:52 a.m. - अस्पताल के असिस्टेंट सुपरीटेंडेंट पीड़िता के परिवार को फोन पर जानकारी देते हैं। उन्हें तुरंत अस्पताल आने के लिए कहते हैं। 
  • 11:00 a.m.- इस हत्या कि जांच के ऑफिसर इंचार्ज, डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की टीम के साथ सीन ऑफ क्राइम पर पहुंचते हैं। फैक्ट्स और सरकमस्टेंसस को लेकर जानकारी हासिल करते हैं कि आखिर क्या हुआ है?
  • 12:25 p.m.-  डिटेक्टिव डिपार्टमेंट  टीम कि साइंटिफिक विंग की टीम वारदात पर पहुंचकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करती है।पहली फोटो दोपहर 12:29 पर ली गई थी।
  • डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की साइंटिफिक विंग कि फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट की टीम मौके वारदात पर पहुंचती है। कोलकाता पुलिस के सीनियर ऑफिसर भी मौका-ए- वारदात पर पहुंचते हैं। साथ ही स्टेट एफएसएल को भी वारदात की जगह पर विजिट करने के लिए जानकारी दी जाती है। साथ ही इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को मौके पर बुलाकर अनकॉन्शियस महिला में जान है या नहीं उसके एग्जामिनेशन के लिए कहा जाता है
  • 12:44 p.m.- ड्यूटी पर मौजूद इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर पीड़िता को मृत घोषित कर देते हैं। 
  • 1:00 p.m.- एफएसएल की टीम और एक्सपर्ट सीन ऑफ क्राइम पर पहुंचते हैं .. मौकाए वारदात पर पहुंचने के बाद एफएसएल एग्जामिनेशन शुरू कर देती है 
  • 1:00 p.m.- पीड़िता के माता-पिता और परिवार वाले पहुंचते हैं और हॉस्पिटल अथॉरिटी से मुलाकात करते हैं 
  • 1:10 p.m- पीड़िता के परिवार वाले हॉस्पिटल अथॉरिटी के द्वारा दी गई जानकारी के बाद सेमिनार रूम पहुंचते हैं। इसके बाद मृतका की लाश उन्हें दिखाई जाती है। उस समय एफएसएल की टीम मौके वारदात का निरीक्षण कर रही थी और फोटोग्राफी की जा रही थी।
  • 01:47 p.m.- इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर मृतक का मेडिकल और डेथ सर्टिफिकेट तैयार करते हैं जिसे पुलिस को सौंप दिया जाता है ।
  • 3:00 p.m.- मृतका के परिवार वाले और कॉलेज के छात्र दोस्त मौखिक तौर पर बोलकर कानूनी कार्रवाई और पोस्टमार्टम जुडिशल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में करवाने की मांग करते हैं। साथ ही इस पूरे प्रक्रिया को वीडियोग्राफी करने की भी मांग करते हैं।
  • 3:55 p.m.- मृतका के परिवार और कॉलेज के छात्रों ने लिखित में मजिस्ट्रेट कानूनी कार्रवाई और पोस्टमार्टम एक जुडिशल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कराने की मांग की।
  • 4:10 p.m- ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट वारदात की जगह पर पहुंचते हैं। 
  • 4:20 p.m. to 4:40 p.m.- जयूडिशल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कानूनी कार्रवाई (इंक्वेस्ट) शुरू की जाती है.  बॉडी को मौकाये वारदात से उठाकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया जाता है।
  • 4:45 तो 4:56 p.m. बॉडी हटाने के बाद सीन ऑफ क्राइम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी  की जाती है । एफएसएल की टीम  दोबारा सीन ऑफ क्राइम का निरीक्षण कर सबूत इकट्ठा करती है।
  • 5:10 p.m. कॉलेज में प्रोटेस्ट होता है और बॉडी को मोर्चरी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाता है 
  • 6:00 pm- मृतक की डेड बॉडी मोर्चरी तक पहुंचती है 
  • 6:10pm to 7:10 p.m. ज़्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में फॉरेंसिक डॉक्टर का एक बोर्ड पोस्टमार्टम करता है। ऑटोस्पी सर्जन लाश से सबूत इकट्ठा करके सीज कर लेते हैं ।
  • 8:00pm- डॉग स्क्वायड की टीम से स्निफर डॉग मौकाये वारदात का निरीक्षण करते हैं ।
  • 8: 37 p.m. to 8:52 p.m. डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के साइंटिफिक विंग वारदात की जगह  और उसके आसपास की 3D मैपिंग करती है। 
  • 8:32pm to 10:45pm  एफएसएल की टीम द्वारा सीन ऑफ क्राइम से उठाए गए करीब 40 सैंपल को सीज किया जाता है ।यह सभी प्रक्रिया लोकल विटनेस की उपस्थिति में वीडियोग्राफी करते हुए की जाती है। पोस्टमार्टम के बाद बॉडी परिवार को सौंप दी जाती है 
  • 11:45pm पिता की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की जाती है।
  • - जब बॉडी की जांच और पोस्टमार्टम चल रहा था, तब संदिग्धों की जांच शुरू हुई। एसओसी के सभी संभावित एंट्री और एग्जिट रास्तों की पहचान की गई। सीसीटीवी के लोकेशन की पहचान की गई।  सीसीटीवी की जांच शुरू की गई।
  • 11 लोगों की जांच की गई। इनमें चार डॉक्टर सहयोगी शामिल थे, जो उस रात पीड़िता के साथ ड्यूटी पर थे।
  • 10.08.2024 को एसआईटी का गठन मामले की जांच के लिए किया गया।
  • 10:00 बजे संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उनकी लंबी जांच और आरोप एक्सेप्ट किया गया,उनके शरीर पर कुछ हाल की चोटें पाई गईं।
  • 10:05-10:21 बजे: अभियुक्त का मोबाइल फोन वीडियोग्राफी के तहत जब्त किया गया।
  • 11:00 बजे से 01:00 बजे तक: एसएसकेएम अस्पताल में अभियुक्त का मेडिकल और मेडिको-कानूनी परीक्षण किया गया।
  • आरोपी को कोर्ट के सामने पेश  किया गया, जिसमें पुलिस हिरासत में 24.08.2024 तक रिमांड की प्रार्थना की गई।
  • कोर्ट ने केस डायरी को देखा, एलडी पीपी को सुना और गिरफ्तार आरोपी को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में 23.08.2024 तक भेज दिया।
  • अस्पताल के कुछ सीसीटीवी फुटेज को वीडियोग्राफी के तहत जब्त किया गया और और उनकी जांच की गई। 
  • 11.08.2024 को कुछ सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए। गवाहों के बयान दर्ज किए गए। टेक्नीशियन रंजन पॉल ने सीसीटीवी अरेंज किए। 
  • इसी दिन पांच पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए गए। चार डॉक्टरों को नोटिस जारी किए गए। एसओसी का नक्शा बनाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवार को दी गई।
  • 12.08.2024 को एसआईटी में छह नए मेम्बर शामिल किए गए। चार डॉक्टरों की विस्तृत जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। डॉक्टर रणित चक्रवर्ती की डिटेल्ड जांच की गई और उनका बयान दर्ज किया गया।
  • 12.08.2024 को डॉक्टर सुदेश बैराली, डॉक्टर आदित्य नाथ और डॉक्टर अयन हर चौधरी की डिटेल्ड जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए।
  •     इसके बाद कोर्ट से यूडी केस नंबर 861 को एफआईआर केस नंबर 52 के साथ जोड़ने के लिए कहा गया।
  •   आरोपी के मोबाइल फोन से डेटा निकालने की रिक्वेस्ट की गई और वह परमिशन दी गई, लेकिन टेक्निकल समस्या के कारण इस काम पूरा नही किया जा सका।
  •     आरोपी के ब्लड सैंपल इकट्ठा करने की रिकवेस्ट की गई और वह अनुमति दी गई।
  •     संजय रॉय की डिटेल्ड जांच की गई, उसका बयान दर्ज किया गया, और उसके बयान के आधार पर नौ संदिग्ध वस्तुएं पाई गईं और जब्त की गईं। बचा हुआ सीसीटीवी फुटेज और स्टोरेज डिवाइस जब्त किए गए।
  • 13.08.2024 को आरोपी के ब्लड सैंपल लिए गए। जुटाए हुए सबूतों को सीएफएसएल कोलकाता को फोरेंसिक और डीएनए जांच के लिए भेजा गया।
  • आरोपी के मोबाइल फोन से डेटा निकालने की प्रक्रिया कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने की गई। 16 लोगो को नोटिस जारी किए गए और उनकी जांच की गई
  • डॉक्टर गुलाम आजम, डॉ सौमित्र रॉय, डॉ अर्क सेन, सुचारिता सरकार, डॉ सुमित रॉय तापदार, डॉ अरुणवह दत्त चौधरी, डॉ संदीप घोष, डॉ अलापन सरकार, डॉ सुनंदा पात्रा, डॉ आशिम कुमार ए, सुभ्रा सरकार, डॉ कुशल करक, डॉ फिरोज अहमद, साम्पा दास, किया रॉय, सौरभ भट्टाचार्य, और आसाद नासिम की डिटेल्ड जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए।
  • यह जांच में एक महत्वपूर्ण प्वाइंट है, जहां कई लोगो के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और सबूत इकट्ठे किए गए ताकि मामले की सच्चाई का पता लगाया जा सके।
  • अग्निहित सेन की जांच की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। कोलकाता पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल रूम और एसबीआई श्यामबाजार से सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व करने के लिए कहा गया। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया सच्चाई का पता लगाएगी।

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