कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 9 अगस्त को ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस संगीन वारदात के बाद राज्यव्यापी विरोध प्रर्दशन हो रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस मामले ने इस साल की दुर्गा पूजा के उत्साह को कम कर दिया है। इस दरिंदगी के खिलाफ दुर्गा पूजा कमेटियों ने भी विरोध जता दिया है।
इस साल अनुदान राशि बढ़ाई गई थी
कई दुर्गा पूजा आयोजकों ने इसके विरोध में तृणमूल कांग्रेस सरकार की ओर से दिए जाने वाले वार्षिक उत्सव सम्मान को ठुकरा दिया है। बता दें कि इस साल 23 जुलाई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सामुदायिक दुर्गा पूजा के लिए मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसे पिछले साल के 70,000 रुपये से बढ़ाकर प्रति पूजा कमिटी 85,000 रुपये कर दिया था। हालांकि, अब कई समितियों ने रेप-हत्या पीड़िता के लिए न्याय की मांग करने और राज्यभर में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अनुदान स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है।
"न्याय की मांग करने का हमारा तरीका"
ऐसी ही एक पूजा समिति उत्तरपाड़ा शक्ति संघ है, जो हुगली जिले के उत्तरपाड़ा में स्थित है। 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति के सचिव प्रोसेनजीत घोष ने बताया कि सरकार के अनुदान को अस्वीकार करने का उनका निर्णय किसी विशेष राजनीतिक संगठन का विरोध या समर्थन करना नहीं था। उन्होंने कहा, "जब तक दोषियों का पता नहीं चल जाता और उन्हें उचित सजा नहीं मिल जाती, तब तक हम अनुदान स्वीकार नहीं कर सकते। यह इस मुद्दे के लिए सामाजिक जिम्मेदारी लेने और पीड़ित के लिए न्याय की मांग करने का हमारा तरीका है।"
उत्तरपाड़ा शक्ति संघ अनुदान को अस्वीकार करने की घोषणा करने वाले पहली दुर्गा पूजा समितियों में से एक है। दक्षिण कोलकाता में हाईलैंड पार्क उत्सव समिति, हुगली के उत्तरपाड़ा जयकृष्ण स्ट्रीट में अपानाडर दुर्गा पूजा और नादिया जिले में बेथुआ-दहारी टाउन क्लब ने भी इस फैसले का अनुसरण किया।
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