कोलकाता: शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में यातायात पुलिस के खिलाफ अनावश्यक उत्पीड़न की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर कोलकाता पुलिस ने ऐसे मामलों में वाहनों की जब्ती के नियमों में ढील देने का फैसला किया है। शहर पुलिस सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग मंडलों के अंतर्गत आने वाले सभी थानों और यातायात-पुलिस के जवानों को मौखिक निर्देश भेज दिया गया है कि अपराधी को निजी मुचलके पर अपनी कार या दोपहिया वाहन को छुड़ाने का विकल्प दिया जाए।
नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "पर्सनल बॉन्ड का मतलब है कि परिवार या दोस्तों में से कोई भी पुलिस स्टेशन आ सकता है। अपराधी और संबंधित वाहन को व्यक्तिगत बॉन्ड में रिहा करवा सकता है। हालांकि, एक शर्त है कि जो जमानत कराने यानी रिहा कराने आया है और जो जब्त गाड़ी को चलाकर वापस ले जाएगा, उसने शराब का सेवन नहीं किया हुआ होना चाहिए।
किसी वकील से गाड़ी छुड़ानी पड़ती थी
पहले की व्यवस्था में अपराधी को थाने से जमानत लेनी पड़ती थी और किसी वकील से गाड़ी छुड़ानी पड़ती थी। यदि वकील रात के समय उपलब्ध नहीं होता था, तो चालक और वाहन को अगले दिन अदालत में पेश किया जाता था, जहां से अपराधी को जमानत लेनी होती थी और जुर्माना अदा करने के बाद अपनी कार वापस ले पाता था। हालांकि, जैसा कि अधिकारी द्वारा बताया गया है इस सरल प्रक्रिया का मतलब यह नहीं है कि अपराधी को इस संबंध में वित्तीय दंड के संबंध में कोई छूट दी जाएगी, जिसे नियमानुसार भुगतान करना होगा।
इस महीने की शुरुआत में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित गायक उस्ताद राशिद खान की पत्नी जॉयिता बसु खान ने एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में उनके और उनके पति के उत्पीड़न की शिकायत की, जब उनकी गाड़ी के ड्राइवर को शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में पुलिस स्टेशन ले जाया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति को वाहन और ड्राइवर को छुड़ाने के लिए घंटों थाने में रुकना पड़ा।