कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को जिस स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव मिला था, उसकी प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के बाद हत्या किए जाने का संकेत मिला है। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि आत्महत्या की संभावना से भी इनकार किया गया है तथा अब ताला पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से आत्महत्या का मामला नहीं है। महिला की यौन उत्पीड़न के बाद हत्या की गई थी।’’
चार पन्नों की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, महिला के गुप्तांग से खून बह रहा था और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट के निशान थे। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे। पीड़िता के गुप्तांग से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, …गर्दन, दाएं हाथ, अनामिका और… होंठों पर भी चोट के निशान थे।’’ कोलकाता पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपराध तड़के तीन से छह बजे के बीच हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पहले उसका गला घोंटा गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे हमें अपराधियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।’’
सेमिनार हॉल में मिला था शव
कोलकाता पुलिस ने अपराध की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इससे पहले सरकारी अस्पताल के ‘सेमिनार हॉल’ में शुक्रवार को एक परास्नातक प्रशिक्षु (पीजीटी) महिला चिकित्सक का अर्ध निर्वस्त्र शव पाया गया। मृत पाई गई प्रशिक्षु चिकित्सक छाती रोग चिकित्सा विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और गुरुवार की रात ड्यूटी पर तैनात थी। प्रशिक्षु चिकित्सक के शव पर चोट के निशान मिले हैं। प्रशिक्षु चिकित्सक के पिता ने आरोप लगाया था कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अंदर उसके साथ बलात्कार किया गया और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई तथा अब सच्चाई को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘प्रशिक्षु चिकित्सक का शव उसके साथियों ने इमरजेंसी भवन के सेमिनार हॉल से बरामद किया। हम चिकित्सकों, नर्सों और अन्य लोगों से बात कर रहे हैं जो कल रात उसके साथ ड्यूटी पर थे। मामले की जांच की जा रही है।’’ सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिला के माता-पिता को फोन किया और उन्हें दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘मेरी बेटी की हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया है। उसके शरीर पर चोट का निशान इसका साक्ष्य है। वह अर्द्ध निर्वस्त्र अवस्था में मिली है। सच को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि वे (अस्पताल अधिकारी) जांच में विलंब क्यों कर रहे हैं ।’’
खाना खाकर सेमिनार हॉल गई थी डॉक्टर
अस्पताल की एक चिकित्सक ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘‘उन्होंने रात करीब दो बजे अपने जूनियर्स के साथ भोजन किया। इसके बाद वह सेमिनार रूम में चली गईं, चूंकि वहां कोई अलग से आराम करने के लिये कमरा नहीं है।’’ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘शव के गाल, नाक, होठ, भौंहों के बीच और गर्दन पर खरोंच के निशान हैं। इन निशानों से पता चलता है कि वहां संघर्ष हुआ था।’’ उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुलिस को यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ था और उसकी हत्या कैसे की गई। उन्होंने बताया कि गुरुवार की देर रात उसके साथ ड्यूटी पर मौजूद पांच लोगों से पूछताछ की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने अस्पताल का दौरा किया और चिकित्सा प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन
अस्पताल के अधिकारियों ने चिकित्सक की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पीजीटी चिकित्सकों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए आपातकालीन वार्ड को छोड़कर सभी विभागों में काम करना बंद कर दिया है। कई छात्र संगठनों ने महिला चिकित्सक की मौत की त्वरित जांच की मांग को लेकर रैली निकाली। विधायक अग्निमित्र पॉल सहित कई विपक्षी भाजपा नेताओं ने भी अस्पताल का दौरा किया और मजिस्ट्रेट से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।
निष्पक्ष जांच की मांग
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता डॉ. शांतनु सेन ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हम पूरी घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी और विस्तृत जांच चाहते हैं।’’ ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष रह चुके सेन ने कहा कि ममता बनर्जी प्रशासन हमेशा महिलाओं की सुरक्षा के पक्ष में रहा है। राज्यसभा के सदस्य रह चुके सेन ने कहा कि जांच शुरू हो चुकी है। ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स’ के वरिष्ठ सदस्य डॉ. मानस गुमटा ने आरोप लगाया कि मामले को ‘दबाने’ की कोशिश की जा रही है। गुमटा ने कहा, ‘‘यह अप्रत्याशित है, और बंगाल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।’’ (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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