कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज संदेशखाली मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार को तल्ख लहजे में फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद शर्मनाक है। अदालत ने कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा कि संदेशखाली मामले में जिला प्रशासन और पश्चिम बंगाल सरकार को खुद से नैतिक जिम्मेदारी लेना चाहिए। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में एक प्रतिशत भी सच्चाई है तो यह शर्मनाक है और पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100 प्रतिशत जिम्मेदार हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने क्या कहा?
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम ने तल्ख लहजे में कहा, "अगर इसका एक भी एफिडेविट सही है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100 फीसदी जिम्मेदार हैं। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।" चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर आप SC-ST नेशनल कमीशन की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें अगर एक फीसदी भी सच है तो ये 100 फीसदी शर्मनाक है। वहीं इस दौरान एक अन्य जनहित याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले में गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए। सुरक्षा कारणों से कोई भी महिला अदालत में गवाही देने नहीं आई।
क्या है संदेशखाली मामला?
गौरतलब है कि संदेशखाली में महिलाओं से यौन शोषण, जमीन हड़पने और ईडी की टीम पर हमले के आरोपी शाहजहां शेख को 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। शाहजहां शेख तृणमूल कांग्रेस का जिला स्तर का नेता है। हालांकि गिरफ्तारी के बाद शेख को टीएमसी ने पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इतना ही नहीं संदेशखाली में शेख शाहजहां और उसके दो साथी - शिबू हाजरा और उत्तम सरदार - पर आरोप है कि वे महिलाओं का लंबे समय से गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा, उत्तम सरदार, शाहजहां शेख समेत 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।