पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को राज्य पुलिस प्रमुख के पद पर बहाल कर दिया है। राजीव कुमार को पिछले साल दिसंबर में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्हें इस साल लोकसभा चुनाव से पहले भारत के चुनाव आयोग के आदेश के बाद पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय मुखर्जी को डीजीपी नियुक्त किया गया था।
राजीव कुमार पर आरोप?
अब जबकि लोकसभा चुनाव और चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव खत्म हो गए हैं और आदर्श आचार संहिता भी खत्म हो गई है, ऐसे में राजीव कुमार को शीर्ष पुलिस पद पर बहाल कर दिया गया। उधर, संजय मुखर्जी अपने महानिदेशक, अग्निशमन सेवा पद पर वापस चले गए हैं। राजीव कुमार का नाम तब विवादों में आया था जब सीबीआई ने उन पर करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड मामले में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।
फोन टैपिंग का भी आरोप
राज्य के विपक्षी नेताओं ने अक्सर उन पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है। फरवरी 2019 में सीबीआई ने राजीव कुमार के आवास पर छापेमारी की कोशिश की थी। तब वे कोलकाता पुलिस के आयुक्त थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं। 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राजीव कुमार को चुनाव आयोग ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया था। हालांकि, उस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद उन्हें फिर से उस कुर्सी पर बहाल कर दिया गया। (IANS)
ये भी पढ़ें-