इंदौर (मध्यप्रदेश): देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में लॉकडाउन में लगातार ढील दिये जाने से अलग-अलग गतिविधियां शुरू होने के बाद जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आशंका थी कि इस महामारी के मरीजों की तादाद में उछाल दर्ज किया जा सकता है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में सूरते-हाल इसके ठीक उलट है जिस पर विशेषज्ञों ने हैरानी जतायी है। इस महीने के शुरूआती 14 दिनों में जिले में स्वास्थ्य विभाग के सरकारी आंकड़ों में कोविड-19 के मरीजों की तादाद में लगातार कमी देखी गयी है।
विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में 1,058 नमूनों की जांच में इस महामारी के केवल छह नये मरीज मिले हैं जो पुष्ट मामलों की दैनिक संख्या के लिहाज से पिछले ढाई महीनों का न्यूनतम स्तर है। सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सख्त लॉकडाउन के दौरान जब जिले के 35 लाख से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद थे, तब कोविड-19 के अपेक्षाकृत ज्यादा मरीज मिल रहे थे। लेकिन लॉकडाउन में ढील के बाद जिले में इन दिनों हजारों लोग सड़कों, कार्यस्थलों और अन्य जगहों पर दिखायी दे रहे हैं।
इसके बावजूद फिलहाल सरकारी आंकड़ों में महामारी के रोगियों की तादाद में कमी देखी जा रही है। इस बारे में पूछे जाने पर जिले के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एमपी शर्मा ने "पीटीआई-भाषा" से कहा, "हम कोविड-19 के हर संक्रमित मरीज की पहचान होते ही उसके संपर्क में आये लोगों को तुरंत पृथकवास में भेज रहे हैं। इससे हमें इस महामारी का संक्रमण रोकने में मदद मिली है।"
शर्मा ने दावा किया कि आम लोगों में भी कोविड-19 को लेकर जागरूकता बढ़ी है जिससे इस महामारी के मरीजों की तादाद में कमी आयी है। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ अमूल्य निधि ने कहा, "लॉकडाउन खुलने के बाद रेड जोन में शामिल देश के अन्य जिलों में कोविड-19 के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इंदौर में नये संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा घटकर छह पर पहुंच जाना निश्चित तौर पर आश्चर्य में डाल देता है। इस विरोधाभास की जांच की जानी चाहिये।" उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को संबंधित 1,058 नमूनों की दोबारा जांच करानी चाहिये ताकि इंदौर जिले में कोविड-19 की वास्तविक स्थिति पता चल सके।
मरीजों के हितों में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य अधिकार मंच के समन्वयक चिन्मय मिश्र ने कहा, "इंदौर में कोविड-19 के मरीजों के ताजा सरकारी आंकड़ों पर सहज विश्वास नहीं किया जा सकता। हमारी मांग है कि इस महामारी की जमीनी स्थिति जांचने के लिये जिले भर में विस्तृत सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) किया जाये और इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये।" आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 4,069 मरीज मिले हैं। इनमें से 174 लोगों की मौत हो चुकी है। इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर 2,906 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।