इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने जूनियर डॉक्टरों की चल रही भूख हड़ताल के बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सीएम को लिखे पत्र में कहा, 'बंगाल के युवा डॉक्टरों को आमरण अनशन करते हुए लगभग एक सप्ताह हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उनकी जायज मांगों का समर्थन करता है।'
डॉक्टरों के मुद्दों को सुलझाने की अपील
इसके साथ ही आईएमए ने कहा,'जूनियर डॉक्टर आपके (सीएम ममता बनर्जी) तत्काल ध्यान के हकदार हैं। पश्चिम बंगाल सरकार सभी मांगों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा कोई विलासिता नहीं है। वे एक शर्त हैं। हम आपसे एक बुजुर्ग और सरकार के मुखिया के रूप में युवा पीढ़ी के डॉक्टरों के साथ मुद्दों को सुलझाने की अपील करते हैं।'
भारत का पूरा चिकित्सा समुदाय चिंतित
सीएम ममता बनर्जी को लिखे पत्र में आईएमए ने कहा, 'भारत का पूरा चिकित्सा समुदाय चिंतित है और भरोसा करता है कि आप उनकी जान बचा पाएंगी। अगर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कार्यालय किसी भी तरह से मदद कर सकते हैं तो हम खुशी से मदद करेंगे।'
40 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
बता दें कि कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के 40 डॉक्टरों ने गुरुवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाई है।
विरोध में डॉक्टरों ने रेजिनेशन पर किए थे हस्ताक्षर
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ दिनों पहले विभिन्न अस्पतालों के कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने रिजिनेशन पर हस्ताक्षर किए थे। तब डॉक्टरों ने स्पष्ट किया था कि यह प्रतीकात्मक है। आगे चलकर इस्तीफा भी दे देंगे।
9 जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर
नौ जूनियर डॉक्टर जिनमें कोलकाता में सात और उत्तर बंगाल में दो - आमरण अनशन पर हैं। एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर गौतम दास ने कहा, 'हम प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।'