राज्यसभा सांसद पद से अपने इस्तीफे पर टीएमसी नेता जवाहर सरकार ने आज बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसीपल को लेकर कहा कि अगर पहले दिन ही संदीप घोष को सस्पेंड कर दिया जाता तो उनकी आधी ताकत खत्म हो जाती। बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले को लेकर सांसद से अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद ममता सरकार निशाने पर आ गई है। हालांकि ममता ने खुद फोन कर सांसद को अपने फैसले पर गौर करने को कहा है।
मैं राजनीति में फिट नहीं- जवाहर सरकार
अपने राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफे पर आज एएनआई से बात करते हुए जवाहर सरकार ने कहा, "इसके कई कारण हैं, उनमें से एक यह है कि राज्य में चल रही समस्या से निपटने की जरूरत है और ऐसा नहीं हो रहा है। मैं राजनीति में फिट नहीं हूं। राज्य में चल रही उथल-पुथल को संबोधित करने की जरूरत है।
ध्यान आकर्षित करने का सबसे अच्छा तरीका- सरकार
आगे कहा कि सरकार का ध्यान आकर्षित करने का सबसे अच्छा तरीका यही था जो मैंने किया। अगर पहले दिन से ही प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई की जा सकती और प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया जाता तो उनकी आधी ताकत खत्म हो जाती इसके बजाय उसे एक जगह भेजकर इनाम दिया गया और इसी से यह व्यापक आंदोलन शुरू हुआ।"
कौन हैं जवाहर सरकार
जवाहर सरकार टीएमसी के राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने हाल ही में पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपनी राज्यसभा की सदस्यता के साथ राजनीति छोड़ने की भी घोषणा की। उन्होंने तृणमूल पार्टी में भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जवाहर सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रह चुके हैं। जवाहर सरकार ने अपने इस्तीफे का कारण भी बताया, उन्होंने दावा किया कि पार्टी के कई नेता भ्रष्टाचार में शामिल हैं और पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही, ऐसे में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया।
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