आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर संग हुई रेप और मर्डर की घटना मामले में सीबीआई ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में आरजीकर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वहीं अबतक इस मामले में कुल 25 लोगों की अबतक गिरफ्तारी हो चुकी है। इससे पहले आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर की घटना के बाद 14 अगस्त की रात अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया और कहा कि यह पूरी तरह से राज्य मशीनरी की नाकामी है। इसे लेकर कलकत्ता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने माना कि यह इंटेलिजेंस की असफलता है।
केस की जांच पर क्या बोले पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ का वीडियो दिखाया और कहा कि उस दिन पुलिस एक्शन लेने में जुटी हुई थी। उन्होंने कहा कि अचानक से वहां भीड़ आ पहुंची जिसे हम नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आरोपियों की तस्वीरें प्रसारित करें और यदि कोई जानकारी मिले तो हमें बताएं, यदि वह किसी राजनीतिक दल से हों तो कृपया हमें वो भी बताएं, हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे। अस्पताल में हुए तोड़फोड़ को लेकर उन्होंने कहा कि नई एजेंसी यानी सीबीआई अपना काम कर रही है। मैं वहां 1 से 1.30 बजे पहुंच गया था, पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंच गए थे। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि गलत चीजें क्यों फैलाई जा रही है। अगर कुछ गलत लगता है तो पुलिस कार्रवाई करती है।
पुलिस कमिश्नर बोले- फैलाई जा रही अफवाह
पुलिस कमिशनर ने आगे कहा कि सीबीआई पर विश्वास रखें, धैर्य ना खोएं। जो भी बातें चल रही हैं और ऑडियों की कुछ बातें सामने आ रही है, उसे कोलकाता पुलिस ने नकार दिया है। वहीं सीमन की जो बात उठाई गई है उसे भी पुलिस ने नकार दिया है। उन्होंने कहा कि केस की जांच पोस्टमॉर्टम, वीडियो ग्राफी, कोर्ट तक पहुंच गया है। सबकुछ किया जा रहा है। सारी जांचें और सबकुछ किया जा रहा है, फिर ऐसी अफवाह क्यों फैलाई जा रही है कि गलत कार्रवाई का जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसे ही किसी डॉक्टरों को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, वो पढ़े लिखे लोग हैं। कोई सबूत होगा तो कार्रवाई होगी। फॉरेंसिक जांच जारी है, कुछ भी कहीं भी छिपाया नहीं जा रहा है। अब केस सीबीआई के पास है, वो जांच कर रहे हैं। कुछ हमारी तरफ से जो भी बचा होगा या जांच में मदद होगी, उसमें सहयोग करेंगे। विश्वास रखिए दूसरी एजेंसियों पर।