लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भारत में इस चुनावी उत्सव के लिए सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में होने वाली हिंसा को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की ओर से विशेष तैयारी की गई है। निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल प्रशासन को हिंसा मुक्त चुनाव कराने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में हिंसा मुक्त लोकसभा चुनाव सुनिश्चित करना है।
पुलिस को सख्त निर्देश
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं। आयोग ने पुलिस से उन लोगों की सूची बनाने को कहा, जिनके खिलाफ पिछले चुनावों के दौरान बूथ कब्जा कर लेने और गलत तरीके से मतदान करने की शिकायतें दर्ज की गई थीं। बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब ने सोमवार को जिलाधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है।
उपद्रवियों पर एक्शन की मांग
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और आदर्श आचार संहिता को लागू करने को लेकर चर्चा की। बीते चुनाव में जिन लोगों पर कानून तोड़ने के आरोप लगे हैं उनके खिलाफ 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने राज्य प्रशासन को अवैध हथियार बरामद करने के लिए अभियान जारी रखने का भी निर्देश दिया है।
पश्चिम बंगाल में कब होंगे चुनाव?
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटों पर 7 चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में 19 अप्रैल को लोकसभा की तीन सीटों पर चुनाव होगा। वहीं दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 3 सीटों पर वोटिंग होगी। तीसरे चरण में 7 मई को चार सीटों पर वोटिंग होगी। चौथे चरण में 8 सीटों पर 13 मई को वोटिंग होगी। पांचवें चरण में 20 मई को 7 सीटों पर वोटिंग होगी। छठे चरण में 25 मई को 8 सीटों पर वोटिंग होगी जबकि आखिरी चरण में 1 जून को राज्य की 9 सीटों पर वोटिंग होगी।
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