नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो रहा है और इस विस्तार के साथ कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी भी तय है और इस कड़ी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से देबाश्री चौधरी की छुट्टी हो गई है। यानि आज होने वाले विस्तार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का जो नया मंत्रिमंडल होगा उसमें देबाश्री चौधरी शामिल नहीं होगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में हार के बाद ऐसी संभावना थी कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के नेताओं के मंत्रिपद को बदल सकती है।
इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनवाल, नारायण राणे जैसे राजनीतिक दिग्गजों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इनके साथ-साथ कुछ अन्य नेताओं को दिल्ली आने के लिए कह दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार मोदी मंत्रिमंडल में पिछड़े वर्ग के मंत्रियों की तादाद ज्यादा होगी, और युवाओं एवं दलित प्रतिनिधियों की भी अच्छी संख्या होगी।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, अनुप्रिया पटेल, अलावा मनोज तिवारी, हिना गावित और राहुल कासवान जैसे युवाओं के नाम भी संभावित मंत्रियों में शुमार हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कर्नाटक से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने वाले उमेश जाधव को भी जगह मिल सकती है। कर्नाटक से दूसरा नाम लिंगायत समुदाय से आने वाले शिव कुमार उदासी या बी वाई राघवेंद्र में से किसी एक का हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में कुल 20 से ज्यादा मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।
ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, पश्चिम बंगाल से शांतनु ठाकुर और दिलीप घोष, बिहार से जेडीयू के आरसीपी सिंह, लल्लन सिंह और संतोष कुशवाहा, हरियाणा से सुनीता दुग्गल, लद्दाख से जामयांग नामग्याल। हालांकि मंत्रिमंडल को लेकर अंतिम तस्वीर तभी साफ होगी, जब नए मंत्री शपथ लेंगे। मोदी सरकार के सांसदों की संख्या को देखते हुए अधिकतम 81 नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है और फिलहाल मौजूदा मोदी सरकार ने 53 नेता मंत्री हैं, यानि मंत्रिमंडल में 28 और नेताओं की जगह है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में 20 से ज्यादा नेताओं को जगह नहीं मिलेगी और कुछ नेताओं का मंत्रालय भी बदला जा सकता है।