कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी में हाल के दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बाद यहां विभिन्न निजी अस्पतालों में नौकरी करने वाली मणिपुर की कम से कम 185 नर्सें इस्तीफा देकर अपने गृह राज्य के लिये रवाना हो गई हैं। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पहले से ही नर्सों की कमी है और ऐसे में इन नर्सों के चले जाने से दिक्कत बढ़ेगी।
इस निजी अस्पताल की भी नौ नर्स नौकरी छोड़ कर जा चुकी हैं। इस्तीफा देने वाली एक नर्स ने फोन पर कहा, '' हमारे अभिभावक चिंतित हैं और यहां रोजाना मामले बढ़ने से हम भी काफी तनाव में हैं। हमारा राज्य एक हरित प्रदेश है और हम घर वापस जाना चाहते हैं। परिवार और माता-पिता हमारी प्राथमिकता है।''
एक अन्य नर्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ''अगर हम जीवित बचें, तो आगे भी नौकरी मिल जाएगी।'' इस बीच, राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण से 10 और लोगों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या बढ़ कर 153 हो गई।
एक स्वास्थ्य बुलेटिन में यह कहा गया है। वहीं, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के कम से कम 84 नये मामले सामने आने के साथ कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर 1,407 हो गये हैं।
इस बीच बंगाल टैक्सी एसोसिएशन (बीटीए) के सचिव बिमल गुहा ने कहा है कि शहर की सड़कों पर सोमवार से 30 प्रतिशत बढ़े हुए किराए के साथ पीली टैक्सियों के चलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में वर्तमान दरों में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था।
बीटीए सचिव ने कहा कि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिकतम दो यात्रियों को मीटर युक्त टैक्सियों में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी और दोनों को पीछे की सीट पर बैठना होगा।
गुहा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के अंत के बाद सोमवार से शहर में टैक्सी सेवाएं फिर से शुरू होने की संभावना है।