कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पिछले साल कांग्रेस पार्षद तपन कांदू की हत्या की कर दी गई थी। वहीं इस हत्या के मामले में मुख्य आरापी सत्यभान प्रमाणिक की रविवार शाम को पुरुलिया के सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। बता दें कि पुरुलिया के झालदा में पिछले नगरपालिका चुनाव में तपन कांदू के खिलाफ उनके भतीजे दीपक कांदू तृणमूल के उम्मीदवार थे। उन्होंने चुनाव में अपने भतीजे को हराया और कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई थी। हालांकि 13 मार्च को बोर्ड गठन से पहले तपन कांदू की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
तबीयत खराब होने पर अस्पताल में कराया भर्ती
राज्य सुधार विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सत्यभान प्रमाणिक को सुधार गृह में रविवार दोपहर से बेचैनी महसूस होने लगी। इसके बाद उन्हें तत्काल पुरुलिया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। चूंकि कांदू की हत्या की जांच का मामला अभी भी सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए जिला पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। जिला पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने शुरू की जांच
बता दें कि पिछले साल अप्रैल में तपन कांदू हत्याकांड के मुख्य गवाह निरंजन बैष्णब की उनके आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस दौरान मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया था, जिसमें बैष्णब ने लिखा था कि उसने यह कठोर कदम उठाया क्योंकि वह कांदू की हत्या के बाद स्थानीय पुलिस के दबाव को सहन करने में असमर्थ था। दरअसल, पिछले साल 13 मार्च को कांदू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की।\
(इनपुट: आईएएनएस)
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