कोलकाता। अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के मौके पर बुधवार को पश्चिम बंगाल में पूर्ण लॉकडाउन के बीच जश्न मनाया गया। इस दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी मिदनापुर जिले के खादरपुर, उत्तरी 24 परगना के नारायणपुर और उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार समेत कुछ जगहों से झड़प की खबरें मिली हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने खादरपुर में जुलूस निकाला, जिसे पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद झड़प हो गई।
अधिकारी ने कहा, 'मार्च को आगे बढ़ने से रोके जाने पर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।' उन्होंने कहा कि घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। अलीपुरद्वार कस्बे में भाजपा कार्यकर्ताओं को पूर्ण लॉकडाउन के चलते भूमि पूजन आयोजित करने से रोका गया, जिससे तनाव बढ़ गया। भाजपा कार्यकर्ता ने नारायणपुर इलाके में 'यज्ञ' आयोजित करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने कहा कि उसने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये 'बल' प्रयोग किया।
तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता तापस चटर्जी ने कहा, ''भाजपा इलाके में शांति भंग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया।'' भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अपने न्यू टाउन आवास पर भूमि पूजन का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि पुलिस की बर्बरता राज्य सरकार की 'हिंदू-विरोधी मानसिकता' को दर्शाती है। घोष ने कहा, 'हम बीते कई दिन से पूर्ण लॉकडाउन की तारीख बदलने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जब भगवान राम के भक्त सादगी से इस दिन का जश्न मना रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। टीएमसी सरकार ने जानबूझकर राज्य में हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया है।'
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा सांसद सौगत रॉय ने पटलवार करते हुए इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा, ''जश्न में कोई बाधा नहीं डाली गई, लेकिन कोविड-19 के चलते राज्य में लॉकडाउन लागू है और हम सभी को इसका सम्मान और पालन करना चाहिये।'' कोलकाता में विश्व हिंदू परिषद और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी राम मंदिर का निर्माण शुरू होने का जश्न मनाया। बागबाजार और बुड़ाबाजार जैसे इलाकों में अनुष्ठान किये गए।