शपथ ग्रहण को लेकर गतिरोध के बीच TMC के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया। वह शाम तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस के वहां आकर उन्हें पद की शपथ दिलाने या अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपने का इंतजार कर रहे हैं। सायंतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन सरकार क्रमश: कोलकाता के पास बारानगर और मुर्शीदाबाद जिले के भागाबंगोला से विधायक निर्वाचित हुए हैं। राजभवन की तरफ से यह बताया गया है कि शपथ ग्रहण समारोह गवर्नर हाउस में बोस के सामने होगा।
'...इसलिए हम सीढ़ियों पर इंतजार कर रहे'
हुसैन सरकार ने कहा, "हमने माननीय राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह विधानसभा में आएं और हमें शपथ दिलाएं या यह जिम्मेदारी अध्यक्ष को सौंप दें। हालांकि, उन्होंने दोनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया है। इसलिए हम विधानसभा की सीढ़ियों पर इंतजार कर रहे हैं।" हुसैन सरकार और बंदोपाध्याय तख्तियों पर "उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति दी जाए" जैसे नारे लिखकर राज्यपाल से रिक्वेस्ट करते दिखे। बंदोपाध्याय ने कहा, "जब तक हम शपथ नहीं ले लेते, हम विधायक के रूप में काम नहीं कर सकते। हमारे निर्वाचन क्षेत्र के लोग परेशान हैं।"
'अगर राज्यपाल चाहें तो वह...'
सरकार ने बताया कि वह और बंदोपाध्याय राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की मौजूदगी में शपथ ग्रहण के लिए अपनी सहमति देने के लिए इंतजार करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, "शपथ ग्रहण समारोह एक संवैधानिक शिष्टाचार है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अगर राज्यपाल चाहें तो वह विधानसभा में आकर शपथ दिला सकते हैं। हम सभी व्यवस्था करेंगे। हमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन गतिरोध नहीं होना चाहिए।"
राज्यपाल ने दोनों विधायकों को 26 जून को राजभवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। संवैधानिक मानदंडों के मुताबिक राज्यपाल किसी विधायक को शपथ दिला सकते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से उपचुनावों के मामले में वह विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलवाने का काम सौंपते हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले ही शुरू हो गया था टकराव
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य और राज्यपाल में टकराव शुरू हो गया था जब तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल पर राजभवन में एक महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसके अलावा चुनाव के बाद विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राज्यपाल से संपर्क किया। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चुनाव बाद हिंसा के आरोप में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया। राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि यही वजह है कि नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेने के लिए राजभवन नहीं जा रहे हैं।
रिपोर्ट- ओंकार सरकार