कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई डॉक्टर संग रेप और मर्डर की घटना के देश को हिला कर रख दिया है। चारों तरफ इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। इस बीच आरजी कर अस्पताल के बाहर भारी संख्या में डॉक्टर और आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिनों इस विरोध प्रदर्शन पर कोलकाता पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं बीते ही दिनों अस्पताल में 7000 से अधिक लोग घुस आए और अस्पताल में तोड़ फोड़ की घटना के अंजाम दिया गया। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है और आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दे दी गई है।
सीआईएसएफ संभालेगी मोर्चा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के दे दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। डॉक्टर वापस काम पर सुरक्षित लौट सकें, इस लिहाज से कोर्ट ने यह अहम फैसला लिया है। साथ ही कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए 10 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का भी गठन किया है। बता दें कि कोर्ट ने सीबीआई और राज्य की ममता बनर्जी सरकार से भी इस मामले में 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
सीआईएसएफ के अधिकारियों ने की बैठक
बता दें कि सीआईएसएफ की अंतिम तैनाती से पहले सुरक्षा आंकलन के लिए आज सीआईएसएफ के अधिकारी आईजी शिखर सहाय घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सीआईएसएफ के डीआईजी कुमार प्रताप सिंह भी थे। बता दें कि इन्होंने कोलकाता पुलिस के अधिकारियों संग कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार में बैठक की। बता दें कि जघन्य बलात्कार-हत्या और हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और अस्पताल को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश सीआईएसएफ को दिया था।