Friday, November 15, 2024
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क्या आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुआ था गैंगरेप, CBI की चार्जशीट में सामने आई हकीकत

सीबीआई ने 200 से ज्यादा पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें संजय रॉय को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसमें 200 लोगों के बयान भी लिए गए हैं।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Shakti Singh Updated on: October 07, 2024 14:50 IST
RG Kar hospital case protest- India TV Hindi
Image Source : PTI आरजी कर अस्पताल की घटना पर विरोध प्रदर्शन

आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। पहली चार्जशीट आरोपी संजय रॉय के खिलाफ कलकता की सियालदह कोर्ट में दुष्कर्म और हत्या के मामले में दायर की गई है। 200 से ज्यादा पेज की चार्जशीट में 200 लोगों के बयान हैं। अहम बात यह है कि इसमें सिर्फ दुष्कर्म और हत्या की बात कही गई है। चार्जशीट में सामूहिक दुष्कर्म की बात नहीं कही गई है।

इससे पहले जब इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, तब कई तरह की बातें सामने आई थीं। कई नेताओं ने भी यह दावा किया था कि महिला के साथ हुए दुष्कर्म में एक से ज्यादा लोग शामिल थे। उन्हें बचाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने झूठ बोला और संजय रॉय घटना के समय अकेला नहीं था।

आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ था?

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ नाइट शिफ्ट के दौरान दुष्कर्म हुआ था और इसी दौरान उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोपी पश्चिम बंगाल पुलिस का वॉलंटियर था, जो अस्पताल आता-जाता रहता था। घटना वाले दिन वह नशे की हालत में अस्पताल में आया था। इससे पहले वह रेड लाइट एरिया में भी गया था। अस्पताल में उसने सेमिनार हॉल में वारदात को अंजाम दिया और पुलिस स्टेशन जाकर सो गया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया और उसने पूछताछ में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।

जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी

महिला डॉक्टर की मौत के बाद उसके साथी धरने पर बैठ गए थे। इस बीच कुछ अराजक तत्वों ने अस्पताल में आकर तोड़फोड़ की थी। इसके बाद से पूरे देश के डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर सड़कों पर आ गए थे। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि, अब जूनियर डॉक्टर तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। छह कनिष्ठ चिकित्सक शनिवार शाम से ही आमरण अनशन कर रहे हैं और बाद में एक और चिकित्सक उनके साथ शामिल हो गए। ‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स इन वेस्ट बंगाल’ के छह सदस्य कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता जताने के लिए अनशन में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। 

क्या है डॉक्टरों की मांग

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तुरंत हटाने के साथ ही कथित प्रशासनिक अक्षमता के लिए जवाबदेही तय करने और विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। उनकी अन्य मांगों में राज्य में सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लाना, अस्पतालों में एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करना और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कक्ष तथा शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्य बल का गठन भी शामिल है। वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और चिकित्सक, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरने की भी मांग कर रहे हैं।

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