कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों की घर वापसी सुनिश्चित करे। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उन क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखे जहां कथित तौर पर हिंसा हुई है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हिंसा के मामले सामने आए। इस दौरान कई लोगों ने अपने घर छोड़ दिए और दूसरी जगहों पर विस्थापित हो गए।
21 जून तक तैनात रहेंगे केंद्रीय बल
न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा के आरोपों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। पीठ पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाने के संबंध में लिखित आदेश जारी कर सकती है, जिसे हाई कोर्ट की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा। इससे पहले कोर्ट ने राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती 21 जून तक बनाए रखने का आदेश दिया था। इस पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे।
बुधवार को फिर से होगी याचिकाओं पर सुनवाई
हाई कोर्ट की पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाओं पर बुधवार को फिर से सुनवाई की जाएगी। राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से लेकर 18 जून तक पुलिस महानिदेशक (DGP) कार्यालय को ईमेल के जरिए कुल 859 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। दत्ता ने बताया कि गैर-संज्ञेय मामलों से संबंधित 175 शिकायतें दर्ज की गई हैं। महाधिवक्ता ने बताया कि 219 शिकायतें दो-दो बार दी गई हैं जबकि 26 अधूरी हैं और 14 शिकायतों की जांच की जा रही है। (इनपुट- भाषा)
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