कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखली गांव में जाने की इजाजत दे दी है जिसके बाद वह संदेशखली पहुंच गए। कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी को संदेशखली जाने के लिए सशर्त मंजूरी दे दी। कोर्ट के इस आदेश को ममता बनर्जी की सरकार के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इससे पहले अधिकारी को पहले दो बार क्षेत्र का दौरा करने से रोक दिया गया था।
BJP विधायक को भी मिली संदेशखली जाने की इजाजत
संदेशखली के एंट्री पॉइंट धमाखली नौका घाट पर रोके जाने के बाद शुभेंदु अधिकारी वहां इंतजार कर रहे थे, जबकि कोलकाता में उनके वकील ने क्षेत्र का दौरा करने की इजाजत के लिए फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने विपक्ष के नेता के अलावा भारतीय जनता पार्टी के विधायक शंकर घोष को संदेशखली में प्रवेश की इजाजत दे दी। हालांकि, बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नेता प्रतिपक्ष के सहयोगियों सहित किसी तीसरे व्यक्ति को अशांत क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि BJP नेताओं की यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था का उल्लंघन न हो।
शेख शाहजहां को लेकर संदेशखली में मचा है बवाल
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश कानून के तहत ही है क्योंकि धारा 144 लगने के बाद 5 या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने धमाखाली नौका घाट पर बैरिकेड हटा दिया है। शुभेंदु अधिकारी और शंकर घोष एक पुलिस दल के साथ संदेशखली के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें कि संदेशखली में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके गुर्गों पर छेड़छाड़ से लेकर बलात्कार और जमीनों पर कब्जा करने तक के गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार शेख शाहजहां को बचाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी के लिए क्यों बड़ी जीत है कोर्ट का यह आदेश?
भारतीय जनता पार्टी के लिए कोर्ट का आदेश एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि ममता सरकार लगातार पार्टी के नेताओं को संदेशखली का दौरा करने से रोकने में लगी रही है। कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी नेता न सिर्फ संदेशखली पहुंचेंगे, बल्कि जमीनी हकीकत का अंदाजा लगाने की भी कोशिश करेंगे। भारतीय जनता पार्टी संदेशखली को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है और लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ने की पूरी संभावना है। पश्चिम बंगाल का ये गांव आजकल आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस पर पूरे मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लग रहा है।