मेदिनीपुर: महीनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। अधिकारी, पश्चिम मेदिनीपुर जिले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल हुए। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस भगवा पार्टी के कारण ही अस्तित्व में आई थी। उन्होंने रैली में कहा, ‘बीजेपी, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, राष्ट्रवाद और बहुलवाद में यकीन करती है। पश्चिम बंगाल किसी राजनीतिक पार्टी की निजी जागीर नहीं है।’
शुभेंदु अधिकारी को अमित शाह ने लगाया गले
अधिकारी ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस राज्य के लोगों को विभाजित करने के लिए स्थानीय और बाहरी लोगों की बात करती है। उन्होंने अमित शाह जी, कैलाश विजयवर्गीय को बाहरी कहने का साहस कैसे किया? हम सभी भारतीय हैं।’ राज्य में नंदीग्राम आंदोलन के चेहरा रहे अधिकारी के हाथों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी का झंडा थमाया। उन्होंने आशीर्वाद लेने के लिए शाह के चरण स्पर्श किए और इस पर शाह ने उन्हें गले लगाया। उल्लेखनीय है कि नंदीग्राम आंदोलन ने राज्य में ममता बनर्जी की पैठ मजबूत की और जिसकी परिणिति 2011 मे तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के रूप में हुई।
‘विधानसभा चुनावों में विजेता बनकर उभरेगी बीजेपी’
अधिकारी ने कहा, ‘हमें तृणमूल कांग्रेस के 10 साल के कुशासन और भाई-भतीजातवाद को खत्म करना होगा। हमें सुनश्चित करना होगा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाए ताकि राज्य के लोगों को (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी की विकास की राजनीतिक का लाभ मिले। (विधानसभा चुनाव में) तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर रहेगी और बीजेपी विजेता बन कर उभरेगी।’ राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस राज्य को स्थानीय लोग और बाहरी लोग के आधार पर बांटना चाहती है। अधिकारी ने रैली में कहा, ‘इस तरह की संकीर्ण राजनीति के लिए तृणमूल कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए।’
‘बीजेपी के बगैर तृणमूल का अस्तित्व ही नहीं होता’
तृणमूल कांग्रेस से 2 दिन पहले ही अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ चुके अधिकारी ने राज्य में सत्तारूढ़ दल पर गद्दारों की पार्टी होने का आरोप लगाया, जिसने 1998 में अपने गठन के दौरान बीजेपी द्वारा निभाई गई भूमिका को भूला दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे वे लोग गद्दार कह रहे हैं जो खुद (तृणमूल कांग्रेस के) गद्दार हैं। यदि भाजपा यहां नहीं होती, तृणमूल कांग्रेस अस्तित्व में नहीं आती। क्या तृणमूल कांग्रेस को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आशीर्वाद नहीं मिला था?’ अधिकारी ने कहा कि वसूली करने वाले भतीजे से छुटकारा पाओ। उन्होंने दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बंगाल में जीत हासिल करेगी और तृणमूल कांग्रेस पराजित होगी।’
‘एक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा’
अधिकारी ने शाह की सराहना करते हुए कहा, ‘मैं पहली बार अमित शाह से 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिला था, उस समय वह बीजेपी के महासचिव थे। जब मुझे कोविड था, तब मेरी पूर्व पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में नहीं पूछा, जबकि अमित शाह ने 2 बार पूछा कि मेरी तबियत कैसी है।’ दो बार सांसद रह चुके अधिकारी ने दावा किया कि साधारण लोगो ने नि:स्वार्थ भाव के साथ एक-एक ईंट जोड़ कर तृणमूल कांग्रेस को यहां तक पहुंचाया, लेकिन पार्टी में अब ऐसे लोग भर गए हैं जिनहें किसी और की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं एक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा।’
40-50 विधानसभा क्षेत्रों में है अधिकारी का असर
अधिकारी ने विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस को एक तगड़ा झटका देते हुए गुरुवार को पार्टी छोड़ दी। इससे पहले उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से और विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया था। उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु क्रमश: तामलुक और कांठी लोकसभा क्षेत्रों से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। अधिकारी परिवार का करीब 40-50 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा खासा प्रभाव है। इनमें पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुरा, पुरूलिया, झारग्राम, वीरभूम के कुछ हिस्से और अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के इलाके शामिल हैं। (भाषा)