काकद्वीप (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार पर ‘‘कट मनी संस्कृति’’ शुरू करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भाजपा की लड़ाई इसे खत्म करने की है और यदि पार्टी सत्ता में आयी तो राज्य को विकास के मार्ग पर ले जाएगी। शाह ने कहा कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री को बदलने के लिए नहीं बल्कि घुसपैठ को बंद करने तथा पश्चिम बंगाल को एक विकसित राज्य में परिवर्तित करने की है।
शाह ने बताया परिवर्तन यात्रा का क्या है मकसद
शाह ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘परिवर्तन यात्रा मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को बदलने के लिए नहीं है। यह तो घुसपैठ को बंद करने तथा बंगाल का रूपांतरण करने के लिए है। आप भाजपा को वोट तो करो, अवैध प्रवासी तो क्या, सीमापार से एक पंछी को भी राज्य में घुसने की इजाजत नहीं होगी।’’ उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
तो क्या इसलिए जय श्री राम के नारे से नाराज होती हैं ममता बनर्जी?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल के ‘गुंडों’ और ‘सिंडिकेट’ से निबटने के लिए तैयार है। ‘जय श्रीराम’ के नारे को लेकर उपजे विवाद के बारे में शाह ने कहा, ‘‘बंगाल की मुख्यमंत्री अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते नारे के कारण नाराज हुईं।’’ गौरतलब है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगने से नाराज बनर्जी ने संबोधन करने से इनकार कर दिया था।
अम्फान तूफान राहत कोष वितरण में हुआ भ्रष्टाचार!
शाह ने अम्फान तूफान के बाद राहत कोष वितरण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भी तृणमूल शासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने चक्रवात अम्फान के बाद राहत राशि भेजी थी लेकिन तृणमूल के नेताओं ने इसमें सेंध लगाई। सत्ता में आने पर हम इस भ्रष्टाचार की जांच करवाएंगे। चक्रवात और प्राकृतिक आपदाओं से लोगों की जान बचाने के लिए एक कार्यबल गठित करेंगे।’’ शाह ने कहा कि भाजपा सत्ता में आती है तो राज्य में सातवां वेतन आयोग लागू किया जाएगा।