कोलकाता. पिछले चार महीने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में वापसी पर पार्टी के कूच बिहार दक्षिण से विधायक निखिल रंजन डे ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल नेताओं को शामिल कर शीर्ष नेतृत्व ने भूल की। डे ने दावा किया कि अगर तृणमूल नेताओं को शामिल नहीं किया जाता तो पार्टी और बेहतर प्रदर्शन करती।
निखिल रंजन डे ने कूच बिहार शहर में पत्रकारों से कहा, "भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन तृणमूल नेताओं को पार्टी में लेकर भूल की है। वे कभी भी भाजपा की विचारधारा से नहीं जुड़े थे।" उन्होंने कहा, "ये नेता भाजपा में शामिल हुए थे क्योंकि वे इस धारणा से प्रभावित थे कि पार्टी पश्चिम बंगाल में सत्ता में आएगी और हमारी पार्टी में उन्हें अधिक अहमियत भी दी गई। लेकिन अब वे पार्टी छोड़ रहे हैं।"
पूर्व भाजपा उपध्यक्ष एवं कुछ दिन पहले पार्टी के टिकट पर निर्वाचित मुकुल रॉय मई में तृणमूल में वापस चले गए। तीन अन्य भाजपा विधायकों ने भी उनका अनुसरण किया। डे पर तंज करते हुए कूचबिहार जिले के तृणमूल अध्यक्ष पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, "उनके इस तर्क के आधार पर तो विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी भाजपा की विचारधारा से नहीं जुड़े हैं क्योंकि एक साल पहले तक तो वे तृणमूल के साथ थे। क्या डे अधिकारी पर भी ऊंगली उठा रहे हैं?"
अधिकारी पिछले साल दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे। मुकुल रॉय ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि भाजपा के कई विधायक आने वाले दिनों में तृणमूल में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। रायगंज के भाजपा विधायक कृष्ण कल्याणी ने रविवार को घोषणा की कि वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, जिससे उनके भविष्य के कदम के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं।