नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल इकाई के नेताओं से आगामी विधानसभा चुनाव के सिलसिले में लंबी चर्चा की। वहां अगले साल के शुरुआती छह महीनों में चुनाव होने हैं। बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 22 अक्टूबर से आरंभ होने वाले दुर्गापूजा से पहले बहुत संभव है कि शाह राज्य का दौरा करे वहां के नेताओं से चुनावी तैयारियों पर चर्चा करें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश इकाई ने शाह और नड्डा दोनों से राज्य का दौरा करने का आग्रह किया है। बैठक में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा भी शामिल हुए। नड्डा की नई टीम से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने एक नाराजगी भरा वीडियो भी जारी किया था। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय भी बैठक में शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं ने प्रदेश भाजपा के नेताओं से कहा है कि वे कृषि सुधार से संबंधित हाल ही में पारित विधेयकों के फायदे से जनता को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन विधेयकों के खिलाफ अभियान चला रही हैं। प्रदेश के नेताओं से यह भी कहा गया है कि वे लोगों को बताएं कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस की सरकार केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं कर रही है।
दशकों तक पश्चिम बंगाल की राजनीति में कोई प्रभावी छाप छोड़ने में असफल रही भाजपा अब वहां की राजनीति में एक प्रमुख ताकत और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभ्री है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 40 में से 18 सीटें जीती थी। ऐसे राज्य में जहां भाजपा कभी शासन में नहीं रही, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उसकी ताकत में कई गुणा का इजाफा हुआ है। पार्टी के नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया है कि वह 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के 10 सालों के शासन का खात्मा करेंगे।