बांकुड़ा (पश्चिम बंगाल)। इस साल के शुरू में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री श्याम प्रसाद मुखर्जी को करीब 10 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया।
कोर्ट ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। बांकुड़ा के एसपी धृतिमान सरकार ने ये जानकारी दी है। विधानसभा चुनाव से पहले श्याम प्रसाद मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। हालांकि, वह इस बार चुनाव में जीत नहीं सके थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बिष्णुपुर से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक जब 2020 में स्थानीय नगर निकाय के अध्यक्ष थे तब ई-निविदा से संबंधित कथित धन गबन और अन्य आरोपों की जांच की गई थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
बांकुड़ा के पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार ने कहा, '9.91 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप की बिष्णुपुर के एसडीपीओ ने जांच की थी। सवालों का संतोषजनक जवाब न देने पर मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया।'
भाजपा के बिष्णुपुर संगठन जिलाध्यक्ष सुजीत अगस्ती ने दावा किया कि मुखर्जी राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भगवा दल में शामिल हुए थे, लेकिन वह सक्रिय नहीं हैं। भाजपा नेता ने पूछा, 'उन पर आरोप उस समय के हैं जब वह तृणमूल कांग्रेस में थे। क्या सरकार अब जागी है?'
पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी की गिरफ़्तारी पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अभी जो चुनाव के बाद हिंसा हुई है उसकी भी CBI जांच होने वाली है। कोर्ट में न्याय मिलना चाहिए। आज बहुत लोगों पर केस दर्ज़ हो रहे हैं। जब TMC में ये लोग थे तब इनको गिरफ़्तार नहीं किया गया, जब भाजपा में आ रहे हैं तो इनकी गिरफ़्तारी हो रही है। बहुत से लोगों पर ऐसे स्कैम हैं। कोई भी स्कैम हो, उसकी जांच होनी चाहिए, सज़ा भी होनी चाहिए, चाहे वो किसी भी पार्टी में हो।