कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। राज्य के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित टीटीगढ़ पुलिस स्टेशन में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद एक बार बवाल अपने चरम पर पहुंच गया है। हत्या के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं। इस बीच भाजपा ने आज 12 घंटे के बंद का आह्वान किया जिस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़कें जाम कर दीं। पार्टी ने 12 घंटे के बैरकपुर बंद का आह्वान किया है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरकपुर-बारासात रोड और कल्याणी एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों को जाम किया और सड़कों पर टायर भी जलाए, जिससे इलाके में यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि बैरकपुर में विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के टीटागढ़ के निकट रविवार को भाजपा नेता एवं स्थानीय पार्षद मनीष शुक्ला की मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट किया, “बैरकपुर के टीटागढ़ क्षेत्र में कल शाम को एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस इसकी जांच कर रही है और व्यक्तिगत शत्रुता समेत सभी कारणों की पड़ताल की जा रही है। मृतक, हत्या और हत्या के प्रयास के कुछ मामलों में वांछित था।” राज्य की पुलिस ने लोगों से जांच पूरी होने तक किसी नतीजे पर न पहुंचने का आग्रह किया है।
पुलिस ने कहा, “सोशल मीडिया पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी से जांच प्रभावित हो सकती है। कृपया इससे बचें।” सूत्रों के अनुसार जांच सीआईडी को सौंप दी गई है और अधिकारी टीटागढ़ पुलिस थाने गए थे। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्ला के परिवार के सदस्यों से मिलने बैरकपुर पहुंचा। भाजपा नेतृत्व ने तृणमूल कांग्रेस को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि तृणमूल ने अब राजनीतिक विरोधियों के सफाये की राजनीति शुरू कर दी है। हमें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है क्योंकि यह घटना पुलिस थाने के सामने हुई। हम सीबीआई जांच चाहते हैं।’’ भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने भी शुक्ला की मौत के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि शुक्ला पर कार्बाइन से गोली चलाई गई थी।
वहीं, तृणमूल नेता निर्मल घोष ने भाजपा की आंतरिक कलह को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और पार्टी के खिलाफ सभी आरोपों को निराधार करार दिया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक अन्य दल, शुक्ला के शव को देखने यहां स्थित एनआरएस मेडिकल कालेज एवं अस्पताल पहुंचा। दल को अस्पताल के भीतर घुसने की अनुमति न दिए जाने पर उन्हें पुलिस कर्मियों के साथ धक्कामुक्की करते देखा गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में भाजपा के कुछ नेताओं को अस्पताल में जाने की अनुमति दी गई। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया और उनके न पहुंचने पर राज्य प्रशासन को लताड़ लगाई। हालांकि बाद में मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने राज्यपाल से मुलाकात की। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई।