प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध करते हुए बीजेपी समर्थकों ने रविवार को एक नई तरकीब अपनाई। टीएमसी प्रमुख की तस्वीर को सांकेतिक रूप से शहद पिलाया, ताकि उनकी भाषा मधुर हो जाए। कोलकाता में बीजेपी की युवा शाखा की ओर से निकाली गई एक रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे उन्हें बांग्ला भाषा की समृद्धि की याद दिलाने के लिए 19वीं सदी के विद्वान ईश्वरचंद्र विद्यासागर द्वारा लिखित एक लोकप्रिय पुस्तक ‘बर्णपरिचय’ की प्रतियां भी ले गए थे।
"बीजेपी के लिए आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता"
दूसरी तरफ टीएमसी ने बीजेपी के लिए आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए आरोप लगाया कि राज्य में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और अन्य लोग भी बनर्जी के बारे में अपमानजनक तरीके से बात करते हैं। मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा की बकाया धनराशि जारी करने की मांग को लेकर अपने हालिया धरने के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।
"बंगाल की संस्कृति और हमारी विरासत के खिलाफ"
बीजेपी के युवा नेता इंद्रनील खान ने संवाददाताओं से कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी जैसे सम्मानित नेता के बारे में बात की है, हम उसकी निंदा करते हैं। यह बंगाल की संस्कृति और हमारी विरासत के खिलाफ है।" उन्होंने कहा, "यह विद्यासागर जैसे दिग्गजों के आदर्शों के भी खिलाफ है, जिन्होंने बंगालियों को समृद्ध भाषा से परिचित कराने के लिए 'बर्धपरिचय' प्रस्तुत किया था। हम एक प्रतीकात्मक कदम के रूप में मुख्यमंत्री की तस्वीर को शहद पिला रहे हैं।"
"शुभेंदु अधिकारी जैसे बीजेपी नेता उन्हें 'चोर' कहते हैं"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी ने हमेशा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के प्रति सम्मानजनक रुख अपनाया है, लेकिन शुभेंदु अधिकारी जैसे बीजेपी नेता उन्हें 'चोर' कहते हैं और कांग्रेस जैसे अन्य गैर-बीजेपी दलों के राष्ट्रीय नेताओं के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। घोष ने कहा कि पहले उन्हें ऐसी अभिव्यक्तियों के लिए माफी मांगने दीजिए।