कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा सीट का उपचुनाव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काफी अहम है। अगर ममता को सीएम पद पर बरकरार रहना है तो चुनाव जीतना होगा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता के खिलाफ एडवोकेट प्रियंका टिबरीवाल को खड़ा किया है। अब बीजेपी के एक एजेंट ने चुनाव आयोग से ममता का नामांकन रद्द करने की मांग की है। बीजेपी ने निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र में लंबित आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया है।
इस निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल के मुख्य चुनाव एजेंट सजल घोष ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर ममता बनर्जी के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ममता बनर्जी द्वारा दाखिल नामांकन/घोषणा पत्र पर इस आधार पर आपत्ति जताता हूं कि उम्मीदवार अपने खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही के विवरण का खुलासा करने में विफल रही हैं।’’ घोष ने अपने पत्र में बनर्जी के खिलाफ असम के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मामलों की संख्या का भी जिक्र किया।
चुनाव एजेंट ने जो पत्र लिखा है उनमें ममता बनर्जी के खिलाफ पांच अलग-अलग मामले दर्ज होने का जिक्र है। ये सभी केस असम में दर्ज हैं। इनमें से कुछ मामले अप्रैल और मई महीने के भी हैं जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। बीजेपी एजेंट सजल घोष का आरोप है कि सीएम ममता ने अपने चुनावी एफिडेवट में ये जानकारी नहीं भरी। इसी वजह से उन्होंने उनका पर्चा खारिज करने की मांग की है।
भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रहीं बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दीवारों पर कमल निशान बनाकर चुनाव प्रचार शुरू कर रहीं प्रियंका टिबरीवाल ने कहा था कि मैं अपना नामांकन दाखिल करूंगी। प्रियंका ने नामांकन दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को जिंदा रहने का अधिकार है। ये अधिकार टीएमसी के लोग छिन रहे हैं और इनके पीछे ममता बनर्जी खड़ी हैं तो उनके खिलाफ मेरी लड़ाई है। मैं बंगाल के लोगों के लिए लड़ रही हूं।' ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भवानीपुर क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया।
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