भाजपा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन को लेकर केंद्र सरकार ‘मूक दर्शक’ नहीं रह सकती। भाजपा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को उसके विधायक पर तृणमूल कांग्रेस के विधायक ने हिंसक हमला किया।
पश्चिम बंगाल के हालात पर चिंता जताते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाताओं से संसद भवन में कहा कि राज्य के संवैधानिक तंत्र का अपराधी और अराजक तत्व दुरुपयोग कर रहे हैं। नकवी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और बनर्जी के संरक्षण में बंगाल में लोकतांत्रिक मूल्यों की ‘हत्या’ की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों पर हमले करके विधानसभा में ही उनके कपड़े फाड़ दिये गये।
राज्य में केंद्र द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने के सवाल पर नकवी ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन के मामले में सरकार बनर्जी से कोई मुकाबला नहीं करेगी, लेकिन ‘मूक दर्शक’ भी नहीं बनी रह सकती। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राज्य की खराब होती कानून-व्यवस्था का हवाला देकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान देने की मांग की। इसके बाद सत्तारूढ़ तृणमूल और विपक्षी दल भाजपा के विधायक एक दूसरे से भिड़ गये।
भाजपा विधायक लॉकेट चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री के ‘इशारे’ पर उनकी पार्टी के विधायकों पर हमला किया गया। चटर्जी ने कहा कि बीरभूम में आठ लोगों की हत्या के मामले में राज्य सरकार विपक्ष की अवाज को दबाना चाहती है। भाजपा महासचिव सी.टी.रवि ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुड़दंगी टीएमसी विधायकों ने भाजपा विधायकों के साथ हिंसक तरीके से मारपीट की।
उन्होंने पूछा कि हमारे विधायकों की गलती क्या थी? फिर खुद ही जवाब देते हुए कहा कि वे लोग बीरभूम हत्याकांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे। रवि ने कहा कि यह कांड टीएमसी के गुंडों द्वारा किया गया है। उन्होंने पूछा कि ममता बनर्जी लोगों से क्या छुपाने का प्रयास कर रही हैं? क्या टीएमसी के ‘टी’ का अर्थ तालिबान से तो नहीं है?’
गौरतलब है कि बीरभूम जिले में गत 21 मार्च को 10 घरों को जला दिया गया था, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी थी। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने आरोप लगाया कि राज्य में उनकी (ममता की) सरकार में फिर से हत्याएं और अराजकताएं शुरू हो गयी हैं और सत्तारूढ़ टीएमसी के विधायक बीरभूम हत्याकांड पर चर्चा के बजाय भाजपा विधायकों पर हमला कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र की हत्यारी, टीएमसी सरकार को शर्म आनी चाहिए।’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी, क्योंकि राज्य में कानून-व्यवस्था की ‘खराब’ स्थिति पर बनर्जी के बयान की विपक्ष की मांग के बाद सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा विधायकों के बीच हाथापाई हुई। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी के नेतृत्व में करीब 25 भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
उन्होंने दावा किया कि सदन के भीतर टीएमसी विधायकों द्वारा उनके कुछ विधायकों के साथ हाथपाई की गयी। अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने बाद में अधिकारी सहित भाजपा के पांच विधायकों को सदन में उनके कथित हुड़दंगी व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया है। उन सभी को पूरे साल के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है।