Highlights
- ईडी को छापेमारी में एक डायमंड रिंग मिली है
- अर्पिता के फ्लैट से मिला था बेहिसाब कैश
- दूसरे फ्लेट में भी छापेमारी के दौरान मिला ‘नोटों का पहाड़‘
Bengal Teacher Recruitment Scam: कोलकाता का टीचर भर्ती घोटाला तूल पकड़ता जा रहा है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि एक वरिष्ठ आईएएस समेत चार महिलाएं भी ईडी के रडार पर हैं। ईडी को छापेमारी में एक डायमंड रिंग मिली है जिस पर ‘पी‘ लिखा हुआ है। जानकारी के अनुसार टीचर भर्ती घोटाले के अलावा कुछ और घोटाले भी खुल सकते हैं।
अर्पिता के फ्लैट से मिला था बेहिसाब कैश
दरअसल, ईडी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था, अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की करीबी हैं। 5 दिन पहले ही ईडी को अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ कैश और तमाम कीमती सामान मिले थे। ईडी ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था।
दूसरे फ्लेट में भी छापेमारी के दौरान मिला ‘नोटों का पहाड़‘
इसी बीच लगातार जांच के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट में बुधवार को छापेमारी की गई। पहली छापेमारी में ‘नोटों का पहाड़‘ बरामद होने के बाद अब अर्पिता के घर से अलीबाबा के संदूकों जैसा कैश मिला है। अर्पिता का यह दूसरा घर कोलकाता के बेलघरिया टाउन क्लब में है। इससे पहले अर्पिता मुखर्जी के एक घर से लगभग 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी और महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे थे। अब 28.90 करोड़ कैश और 5 किलो सोना मिला है।
उधर, ईडी की इस कार्रवाई के बाद से विपक्षी पार्टियां टीएमसी पर पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रही है। इतना ही नहीं शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की।
ईडी को इन फ्लैट में घुसने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा था। क्योंकि जांच एजेंसी को इनकी चाबी नहीं मिली थी। ईडी अफसरों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमें एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट से अच्छी रकम मिली है। कैश को गिनने के लिए तीन नोट गिनने की मशीनें लानी पड़ीं। इतना ही नहीं, फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल पर ईडी अधिकारी ने बताया कि अर्पिता जांच में सहयोग कर रही हैं। जबकि पार्थ चटर्जी ऐसा नहीं कर रहे हैं।