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Bengal SSC Scam: पार्थ चटर्जी को लेकर ममता के गुट में दो फाड़, क्या एक घोटाले से टूट जाएगी पार्टी

Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले की आंच अब ममता बनर्जी की पार्टी के भीतर भी लगने लगी है। एक तरफ ममता बनर्जी ने तमाम आरोपों और गिरफ्तारी के बाद भी अपने मंत्री पर कोई एक्शन नहीं लिया, तो वहीं दूसरी ओर अब पार्टी के अंदर से ही इसको लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 28, 2022 13:57 IST, Updated : Jul 28, 2022 14:01 IST
Partha Chatterjee
Image Source : INDIA TV Partha Chatterjee

Highlights

  • पार्थ चटर्जी को लेकर ममता के गुट में दो फाड़
  • क्या एक घोटाले से टूट जाएगी पार्टी
  • पार्थ चटर्जी के करीबी के घर से मिले हैं 50 करोड़ कैश

Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले की आंच अब ममता बनर्जी की पार्टी के भीतर भी लगने लगी है। एक तरफ ममता बनर्जी ने तमाम आरोपों और गिरफ्तारी के बाद भी अपने मंत्री पर कोई एक्शन नहीं लिया, तो वहीं दूसरी ओर अब पार्टी के अंदर से ही इसको लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने गुरुवार को मांग की है कि एसएससी घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को तुंरत निष्कासित किया जाना चाहिए। हालांकि अभी तक ना तो ममता बनर्जी और ना ही टीएमसी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान आया है। लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्थ चटर्जी के इस घोटाले से पार्टी में एक बहुत बड़ा गुट चाहता है कि पार्थ चटर्जी को निष्कासित कर दिया जाए ताकि पार्टी अपनी इज्जत बचा सके।

टीएमसी प्रवक्ता ने कही बड़ी बात

पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्वीट किया, ‘‘ पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए। अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे सभी पदों से हटाने का अधिकार भी है। मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है। घोष ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वह सही फैसला करेंगे।’’ घोष का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी चटर्जी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर लगातार राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को निशाना बना रही हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो वह भले ही मंत्री ही क्यों ना हो , उसे बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मामले में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है।

पार्थ चटर्जी के करीबी के घर से मिले हैं 50 करोड़ कैश

पश्चिम बंगाल में टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट पर लगभग 18 घंटों से चल रही अपनी रेड को अब खत्म कर दिया है। इस रेड में अर्पिता मुखर्जी के घर से 20-21 करोड़ नहीं बल्कि पूरे 29 करोड़ रुपए के साथ-साथ 5 किलो सोना भी बरामद किया गया है। ED के अधिकारी वहां से लगभग 29 करोड़ रुपये की नकदी को 10 स्टील के बक्सों में भर कर ले गए हैं। यानि अगर अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से रेड में मिली रकम को जोड़ दिया जाए तो वह 50 करोड़ हो जाएगी। क्योंकि बीते दिनों उनके दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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