कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अब रद्द की जा चुकी शिक्षकों की भर्ती के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन 222 लोगों की पहचान की है जिनकी विशेष तौर पर नौकरी के लिए सिफारिश की गई थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ के बाद यह जानकारी जुटाई है।
222 लोगों के नामों की पहचान
पूछताछ में पता चला है कि इन 222 व्यक्तियों में से 183 माध्यमिक शिक्षक श्रेणी में थे, जबकि शेष 39 उच्चतर माध्यमिक शिक्षक श्रेणी में थे। अधिकारियों के बयान के आधार पर ईडी ने इन 222 व्यक्तियों के नामों की एक सूची तैयार की है, जिसे अदालत को सौंप दिया गया है।
सिफारिश के आधार पर अधिकांश नियुक्तियां
ईडी के अधिकारियों ने पता लगाया है कि इन 222 व्यक्तियों में से अधिकांश की नियुक्ति की सिफारिश एस.पी. सिन्हा ने की थी, जो उस समय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। आयोग ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन तत्कालीन राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के कार्यकाल में किया था, जो फिलहाल में जेल में हैं।
सभी मानदंडों का उल्लंघन
रिटायर्ड जस्टिस रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच समिति ने पाया था कि सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए स्क्रीनिंग समिति का गठन किया गया था। साथ ही राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर कर्मचारियों की अवैध भर्ती को आसान बनाने के लिए सिन्हा को उस समिति का प्रमुख बनाया गया था।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अदालत को यह भी बताया है कि उसके अधिकारियों द्वारा पहचाने गए 222 व्यक्तियों में से कुछ ने स्कूलों में भर्ती को लेकर अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन में खास भूमिका निभाई थी। ऐसा माना जा रहा है कि निहित स्वार्थों द्वारा अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन को कमजोर करने के लिए उनकी सिफारिश की गई थी। (आईएएनएस)