Saturday, December 21, 2024
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बंगाल पंचायत चुनाव : राज्य चुनाव आयोग केंद्रीय बलों की 315 कंपनियों का इस्तेमाल करेगा, बीजेपी ने धांधली की जताई आशंका

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की 315 कंपनियों के इस्तेमाल का फैसला लिया है। वहीं बीजेपी ने टीएमसी द्वारा चुनावों में धांधली की आशंका जताई है।

Edited By: Niraj Kumar
Published : Jul 01, 2023 22:50 IST, Updated : Jul 01, 2023 22:51 IST
चुनावों के लिए तैनात केंद्रीय बल
Image Source : फाइल फोटो चुनावों के लिए तैनात केंद्रीय बल

कोलकाता : पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की 315 कपंनियों का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मुख्य रूप से क्षेत्रों कानून व्यवस्था कायम रखने,विभिन्न नाकों की जांच करने, समुदायों के बीच आपसी विश्वास कायम करने, अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय चौकियों और गश्त के लिए केंद्रीय बलों का उपयोग किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने टीएमसी द्वारा चुनावों में धांधली की आशंका जताई गई है।

राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने सभी जिलाधिकारियों, जिला पंचायत चुनाव अधिकारियों (डीपीईओ), पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को दिए गए एक निर्देश में कहा कि केंद्रीय बलों को गश्त, रूट मार्च और अन्य विश्वास-निर्माण उपायों के लिए तैनात किया जाएगा जहां आयोग और जिला तथा पुलिस प्रशासन को राजनीतिक हिंसा/धमकी की शिकायतें मिली हैं। एसईसी ने कहा, ‘‘ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 315 कंपनियों की तैनाती के संबंध में निर्देशों का सही मायने में पालन किया जाना चाहिए, जो राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंचना शुरू हो गए हैं। ’’ आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि वे बाद में स्थिति को देखते हुए केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर समीक्षा कर सकते हैं।

पंचायत चुनाव में टीएमसी धांधली और गड़बड़ी कर सकती है: भाजपा 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जीत होने पर पंचायतों को ‘चोरों से मुक्त’ कराने का शनिवार को वादा किया। पार्टी ने साथ ही आशंका जताई कि मतदान के दिन सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी एवं हिंसा की कोशिश की जा सकती है। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव करा रहे राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) की भूमिका संदेह से परे नहीं है क्योंकि उसे आठ जुलाई के चुनाव से पहले की हिंसक घटनाओं को रोकने में पर्याप्त रूप से चौकस नहीं पाया गया है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा ‘चोर मुक्त पंचायत’ का उपहार देगी जो प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री कृषि संबंधी परियोजनाओं, मनरेगा जैसी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हेराफेरी रोकेगी तथा पारदर्शी प्रशासन की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जहां कहीं भाजपा मजबूत है, वहां हमारे कार्यकर्ता केंद्रीय बलों की भूमिका निभायेंगे।’’ उन्होंने इसके साथ ही इन खबरों का उल्लेख किया कि एसईसी उन विभिन्न मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती नहीं करेगा जहां मतदान के दौरान हिंसा की आशंका है। 

मजूमदार ने दावा किया कि कुछ टीवी समाचार चैनलों द्वारा दिखाये गये ‘ऑपिनियन पोल’ के विपरीत भाजपा दक्षिण और उत्तर बंगाल में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होने की स्थिति में बड़ी संख्या में जिला परिषदों, पंचायतों में बहुमत हासिल करेगी। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ भाजपा के हाथ मिला लेने संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य स्तर पर कोई औपचारिक गठबंधन नहीं है लेकिन ‘‘सभी तृणमूल कांग्रेस के अत्याचार एवं आतंक के शिकार हैं।’’ (भाषा)

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