Friday, November 22, 2024
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"न्यायपालिका को डराया-धमकाया नहीं जा सकता", आखिर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने क्यों कही ये बात?

West Bengal: अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बैठक के दौरान कहा कि सरकार मानती है कि न्यायपालिका की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: January 11, 2023 7:44 IST
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस

West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश राजशेखर मंथा की अदालत (कोर्टरूम) के बाहर वकीलों के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य सरकार को न्यायपालिका की रक्षा करने और इसकी स्वतंत्रता बरकरार रखने का निर्देश दिया। राजभवन के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। राज्यपाल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव एचके द्विवेदी, गृह सचिव बीपी गोपालिका और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने राजभवन में उन्हें स्थिति से अवगत कराया। 

वकीलों के एक समूह ने न्यायाधीश राजशेखर मंथा के कुछ आदेशों के विरोध में उनकी अदालत के बाहर प्रदर्शन किया था। सूत्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, "राज्यपाल ने कलकत्ता हाई कोर्ट की स्थिति का जायजा लिया। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा और सुरक्षा बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।" 

एक घंटे तक चली बैठक के दौरान उन्होंने तीनों अधिकारियों से यह भी कहा कि "न्यायपालिका को डराया-धमकाया नहीं जा सकता।'' अधिकारियों ने उनसे कहा कि सरकार "मानती है कि न्यायपालिका की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।"

कलकत्ता हाई कोर्ट

Image Source : FILE PHOTO
कलकत्ता हाई कोर्ट

जस्टिस मंथा को लेकर किया प्रदर्शन 

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट में वकीलों के एक समूह ने पिछले दिनों जस्टिस राजशेखर मंथा को लेकर प्रदर्शन किया। इस समूह के वकीलों ने जस्टिस मंथा के समक्ष कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला किया और उन्‍होंने जस्टिस को कुछ मामलों से हटाने का अनुरोध भी किया। समूह ने मुख्‍य न्‍यायाधीश को पत्र लिखकर अपनी मांग सामने रखी। हालांकि, बार एसोसिएशन ने किसी भी बैठक या प्रस्ताव से इनकार कर दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने अदालत कक्ष के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने वाले वकीलों की कार्रवाई की निंदा की।

स्वत: संज्ञान लेकर मुकदमा किया दायर

वहीं, न्यायाधीश राजशेखर मंथा की अदालत के बाहर हंगामा करने वाले वकीलों के खिलाफ उन्होंने स्वत: संज्ञान लेकर मुकदमा दायर किया है। इसके साथ ही उन्होंने अदालत की अवमानना का मामला भी दर्ज किया है। इस पर सुनवाई बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में होगी। सोमवार से ही हाई कोर्ट में वकीलों के एक समूह ने न्यायाधीश राजशेखर मंथा की कोर्ट के बाहर विरोध-प्रदर्शन और हंगामा शुरू कर दिया था। उसमें प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं के साथ मारपीट भी की गई थी। इसके बाद मंगलवार को न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने न्यायालय की ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी को उनके कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया और इन वकीलों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया है।

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