कोलकाताः कोलकाता में छात्रों ने मंगलवार को 'नबान्न अभियान' मार्च निकाला था। छात्रों के इस आंदोलन में एक भगवाधारी बुजुर्ग बलराम बोस भी शामिल हुए थे। जब पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैंस के गोले, पानी की बौछारें की तो बलराम बोस प्रदर्शन स्थल पर डटे रहे। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 'नबान्न अभियान' में शामिल होने वाले बलराम बोस ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि वह महिलाओं के सम्मान की लड़ाई के लिए वहां गए थे।
मरना भी पड़ता तो वहां से नहीं हटताः बोस
बलराम बोस ने कहा कि मेरे घर में भी महिलाएं हैं। इसलिए हमें उनकी सुरक्षा की चिंता है। अगर समाज स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा, तो महिलाओं का सम्मान होगा। जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहां देवता निवास नहीं करते। आंदोलन में भाग लेते समय मुझे विश्वास था कि हमें अपना काम करना होगा। अगर मैं वहां मर भी जाता तो वहां से नहीं हटता। मैं उन्हें उस गुलामी से मुक्त होने का इशारा कर रहा था, जिसका अनुसरण पुलिसकर्मी एक निरंकुश व्यवस्था में करते हैं। मैं उनसे कह रहा था कि वे हथकड़ी छोड़ें और हमारे मार्च में शामिल हों।
आंदोलन का राजनीतिक दल न भटकाएं
अगर हमारे पास नहीं आते हो तो इतनी ताकत से पानी की बौछारें करो कि हम सब बह जाएं...मैं एक सनातनी हूं, भगवान शिव का भक्त हूं...मैं नहीं चाहता कि कोई राजनीतिक दल इस आंदोलन को प्रभावित करे या उसका ध्यान भटकाए। हम न्याय चाहते हैं। बोस ने कहा कि छात्रों की तरफ से कहा गया था कि हर घर से आंदोलन में एक व्यक्ति शामिल हो। इसलिए हम वहां गए थे।
बता दें कि मंगलवार को कोलकाता रेप-मर्डर केस के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया था। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था। साथ ही आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था।