कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के ‘खोए गौरव’ को वापस लाने की आवश्यकता है और राज्य में ‘तुष्टिकरण की मौजूदा राजनीति’ ने राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना को बनाए रखने की अपनी सदियों पुरानी परंपरा को चोट पहुंचाई है। उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने देवी काली की पूजा अर्चना की। शाह ने ट्वीट किया, "मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा अर्चना की, मां काली का आशीर्वाद लिया और सभी देशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की प्रार्थना की।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "पश्चिम बंगाल आध्यात्मिक विवेक की जमीन रही है। आज मेरी बंगाल यात्रा का दूसरा दिन था। मैं पहले भी कई बार मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर गया हूं।" भाजपा नेता राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन दक्षिणेश्वर मंदिर पहुंचे। उन्हें सदियों पुराने मंदिर के गर्भ गृह में ले जाया गया जहां उन्होंने देवी की पूजा की। उन्होंने पूजा करने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, "बंगाल को उस गौरव को बहाल करना चाहिए। बंगाल के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन पुराने दिनों को फिर से देखना चाहिए।"
शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल चैतन्य महाप्रभु, श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जैसी हस्तियों की भूमि है। उन्होंने कहा कि यह राज्य पहले पूरे देश में आध्यात्मिक जागृति का केंद्र हुआ करता था। शाह ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की गौरवशाली परंपरा को तुष्टिकरण की राजनीति ने क्षति पहुंचाई है। मैं बंगाल के लोगों से अपील करता हूं कि वे जागें और राज्य की गरिमा को वापस लाने की जिम्मेदारी निभाएं।’’
मंदिर जाने के बाद वह पंडित अजय चक्रवर्ती से मिले, जिन्हें उनके कोलकाता के गोल्फ रोड स्थित निवास पर पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके बाद शाह अपने अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के लिए साल्ट लेक ईजेडसीसी पहुंचे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने शाह के स्वागत के लिए न्यूटाउन क्षेत्र में झंडे और होर्डिग्स लगाए हैं। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने कहा, "ईजेडसीसी में बैठक के बाद, शाह सीधे गौरांग नगर जाएंगे और न्यूटाउन में मटुआ समुदाय के सदस्यों के साथ दोपहर का भोजन करेंगे। अमित शाह इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।"