Friday, November 22, 2024
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अधीर रंजन चौधरी अब बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष नहीं, सबकी टिकीं निगाहें-कौन होगा कांग्रेस की पसंद?

पश्चिम बंगाल के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मैं अब अध्यक्ष नहीं हूं। उनके इस्तीफे की खबर के बीच अब टीएमसी, भाजपा और माकपा सबकी नजर इसपर टिकी है कि बंगाल कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published on: July 31, 2024 8:16 IST
Adhir Ranjan Chowdhury- India TV Hindi
Image Source : FILE अधीर रंजन चौधरी का इस्तीफा

पश्चिम बंगाल के दिग्गज कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी ने खुद ही कहा है कि अब वो बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहे। इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधा है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान अधीर रंजन चौधरी  ने कहा कि जिस दिन से मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी अध्यक्ष बने हैं, उसी दिन से पार्टी के संविधान के मुताबिक, देश में पार्टी के बाकी सभी पद अस्थायी हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण उनके इस्तीफे की चर्चा हो रही थी।

कौन होगा बंगाल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष

अब सवाल ये है कि अधीर रंजन चौधरी के बाद बंगाल कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर सियासी गहमागहमी भी तेज है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से लेकर विपक्षी दल भाजपा व माकपा तक सबकी नजरें टिकी हुई हैं। इसकी वजह है कि सबके अपने-अपने कारण हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने गत सोमवार को पार्टी के बंगाल नेताओं के साथ दिल्ली में हुई बैठक में बताया था कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अधीर रंजन चौधरी अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। अधीर ने भी इसकी पुष्टि की है। उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस अब जल्द ही बंगाल में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है।

ममता से विरोध करना पड़ा भारी?

बता दें कि अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धुर विरोधी माने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इंडी गठबंधन में शामिल होने पर भी पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बन पाने का कारण अधीर को बताया जा रहा था। ममता ने भी बंगाल में अधीर को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान जैसा मजबूत प्रत्याशी उतार दिया और अधीर को छठी बार बहरमपुर से सांसद बनने से रोक दिया।

अब ऐसा है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ वर्तमान में तृणमूल के अच्छे संबंध बन गए हैं, इसलिए वह ऐसे व्यक्ति को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर देखना चाहती है, जो अधीर रंजन जैसा विरोध करने के बजाय उसके साथ अच्छे संबंध बनाकर चले। दूसरी तरफ माकपा को इस बात की चिंता सता रही है कि कांग्रेस के साथ उसका साथ छूट नहीं जाए। बता दें कि माकपा ने पिछला विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ ही मिलकर लड़ा था।

अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस पर कसा तंज

अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा है कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उस टिप्पणी से काफी ठेस पहुंची थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार के गठन को लेकर क्या किया जाएगा, यह पार्टी हाईकमान तय करेगा, अधीर इसपर निर्णय लेने वाले कोई नहीं हैं। इसके बाद अधीर ने दिल्ली की बैठक में पार्टी के बंगाल प्रभारी गुलाम मीर द्वारा उन्हें बंगाल कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष कहे जाने पर भी नाराजगी जताई थी और यह भी कहा था कि उन्हें पद का कोई मोह नहीं है।

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