
कोलकाता: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी 4 साल तक तृणमूल कांग्रेस में रहने के बाद बुधवार को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व लोकसभा सदस्य अभिजीत मुखर्जी को कोलकाता में स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव एवं पश्चिम बंगाल प्रभारी गुलाम अहमद मीर मौजूद थे। 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के अपने फैसले पर अफसोस जाहिर करते हुए अभिजीत मुखर्जी ने कहा, ‘मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। कांग्रेस को छोड़ना मेरे लिए सही नहीं था।’
‘कांग्रेस और सियासत में यह मेरा दूसरा जन्मदिन है’
कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व द्वारा पार्टी का झंडा सौंपे जाने के बाद उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और सियासत में यह मेरा दूसरा जन्मदिन है। देश की राजनीति में इस सबसे पुरानी पार्टी का कोई विकल्प नहीं है। केवल कांग्रेस ही जाति, पंथ और धर्म से परे सभी लोगों को साथ लेकर चलती है।’ मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल जून में कांग्रेस में दोबारा शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन विभिन्न राज्यों में चुनावों के कारण यह अब जाकर संभव हुआ। तृणमूल कांग्रेस में रहने के दौरान अभिजीत मुखर्जी ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आए थे।
‘अभिजीत मुखर्जी सही पार्टी में लौट आए हैं’
मीर ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी ‘सही पार्टी’ में लौट आए हैं और उनके लौटने से कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में अपना जनाधार मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा,‘देश में इस समय राजनीतिक परिदृश्य में 2 तरह की विचारधाराएं काम कर रही हैं, एक तरफ विभाजनकारी ताकतें हैं और दूसरी तरफ सबको साथ लेकर चलने वाली धर्मनिरपेक्ष ताकतें हैं। जहां एक ताकत संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस संविधान के दायरे में सभी के कल्याण के लिए काम कर रही है।’
2011 में कांग्रेस में शामिल हुए थे अभिजीत मुखर्जी
अभिजीत मुखर्जी ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर जंगीपुर लोकसभा उपचुनाव जीता था, जब उनके पिता प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने थे। मुखर्जी ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इसी निर्वाचन क्षेत्र से 2014 का लोकसभा चुनाव भी जीता था, लेकिन वह 2019 में जंगीपुर से लोकसभा चुनाव हार गए और TMC एवं बीजेपी प्रत्याशियों के बाद तीसरे नंबर पर आये। अभिजीत मुखर्जी 2011 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उसी साल उन्होंने नलहाटी सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। राजनीति में आने से पहले उन्होंने प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में कॉरपोरेट एग्जिक्युटिव के तौर पर काम किया था।