कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार 7 मार्च को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने राज्य की ममत अ सरकार के खिलाफ जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब उनका मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लड़ना है।
2026 में वापस नहीं आएगी टीएमसी- अभिजीत
अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा, “मैं एक राष्ट्रीय पार्टी में शामिल हो गया हूं जिसका नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां कर रही हैं। मैं बस उस पार्टी के एक अनुशासित सिपाही के रूप में काम करना चाहता हूं। “मेरा एकमात्र उद्देश्य पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से भ्रष्ट राजनीतिक ताकत को सत्ता से बाहर करना है। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि 2026 में वह ताकत पश्चिम बंगाल की सत्ता में वापस न आ सके।
अभिजीत जैसे लोगों की बंगाल को जरुरत- बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक मंगल पांडे ने गुरुवार को पार्टी में उनका स्वागत किया और उन्हें पार्टी का झंडा सौंपा। अधिकारी ने कहा, “मैं बस इतना कह सकता हूं कि अभिजीत गंगोपाध्याय जैसे व्यक्ति राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बेहद जरूरी हैं। जब वह एक न्यायाधीश के रूप में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे थे, उन्हें बार-बार निशाना बनाया गया। आने वाले दिनों में, भाजपा उनका उपयोग चुनाव और अन्य संबंधित क्षेत्रों में करेगी।”
टीएमसी ने पूर्व जज पर बोला हमला
वहीं उनके बीजेपी में शामिल होने पर टीएमसी ने हमला बोला है। पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि जब अभिजीत गंगोपाध्याय न्यायाधीश थे तब भी राजनेता उनके आवास पर अक्सर जाते थे। पांजा ने कहा, “आज यह स्पष्ट हो गया कि जब वह न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठे थे तब वह भाजपा नेतृत्व के संपर्क में थे। उन्होंने न्यायाधीश के पद का अपमान किया।''
5 मार्च को दिया था इस्तीफा
बता दें कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया और उसी दिन भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की थी। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट में जज रहने के दौरान गंगोपाध्याय ने ममता सरकार से जुड़े 14 केस ED-CBI को सौंपे थे। अब उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं।