रासायनिक हथियारों का उपयोग पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किया गया था।
Image Source : ap रासायनिक हथियार बेहद घातक होते हैं और इनका प्रभाव विनाशकारी हो सकता है।
Image Source : freepik रासायनिक हथियारों को से चार प्रमुख श्रेणियों में बांटा जा सकता है।
Image Source : ap नर्व एजेंट्स (तंत्रिका एजेंट्स): ये एजेंट्स तंत्रिका तंत्र पर असर डालते हैं और बहुत ही घातक होते हैं।
Image Source : freepik ब्लिस्टर एजेंट्स (फफोले उत्पन्न करने वाले एजेंट्स): ये त्वचा, आंखों और श्वसन तंत्र पर फफोले और घाव उत्पन्न करते हैं।
Image Source : freepik चोकिंग एजेंट्स (दमा उत्पन्न करने वाले एजेंट्स): ये श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और श्वसन मार्ग में सूजन उत्पन्न करते हैं।
Image Source : freepik ब्लड एजेंट्स (रक्त एजेंट्स): ये रक्त के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और कोशिकाओं को ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोकते हैं।
Image Source : freepik रासायनिक हथियारों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय संधियां और संगठन हैं।
Image Source : freepik 1993 में "रासायनिक हथियार संधि" पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसने इन हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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