दुनिया में कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की अनोखी परंपरा का पालन किया जाता है।
Image Source : freepik तिब्बत, किंगघई और मंगोलिया में रहने वाले वजरायन लोग मौत के बाद कुछ अलग परंपरा निर्वहन करते हैं।
Image Source : freepik अंतिम संस्कार की इस परंपरा को मानने वाले समुदाय की मान्यता है कि मृत व्यक्ति के शव को गिद्ध जैसे जानवर खाएं तो उनकी उड़ान के साथ उस व्यक्ति की आत्मा भी स्वर्ग पहुंच जाती है।
Image Source : freepik अंतिम संस्कार की परंपरा का पालन हजारों सालों से होता आ रहा है। शव को जब गिद्धों के सामने खाने के लिए खुले मैदान में रखा जाता है, तब मृतक के रिश्तेदार भी वहां मौजूद होते हैं।
Image Source : freepik अंतिम संस्कार के इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए शव के छोटे टुकड़े किए जाते हैं।
Image Source : freepik शव के टुकड़ों को जौ से बने आटे के घोल में डुबोया जाता है और गिद्धों को खाने के लिए डाल दिया जाता है।
Image Source : freepik जब गिद्ध मांस खा लेते हैं तो बची हुई हड्डियों को इकठ्ठा करके उनका चूरा किया जाता हैृ।
Image Source : freepik इसके बाद चूरा की गई हड्डियों को जौ के आटे और मक्खन में डुबोकर कौओं और बाज को खाने के लिए डाल दिया जाता है।
Image Source : freepik अंतिम संस्कार के इस प्रक्रिया को लोग झाटोर या आकाश में दफनाना कहते हैं।
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