ईसा मसीह जिन स्थानों पर रहे, वहां कई भाषाएं बोली जाती थीं। इसलिए यह विवाद है कि वे कौनसी भाषा बोलते थे?
Image Source : Social Media इसे लेकर इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और पोप के बीच भी बहस हो चुकी है। प्रभु यीशू येरूशलम में रहते थे जो अब इजराइल में है।
Image Source : Social Media बेंजामिन नेतन्याहू ने पोप से कहा था कि ईसा मसीह हिब्रू भाषा बोलते थे।
Image Source : Social Media पोप ने नेतन्याहू से कहा था कि ईसा मसीह अरामीक भाषा में बात करते थे।
Image Source : Social Media तब नेतन्याहू ने जवाब दिया था कि ईसा मसीह अरामीक बोलते थे, लेकिन हिब्रू जानते थे।
Image Source : Social Media ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सेबेस्टियन ब्रॉक ने कहा कि पोप और नेतन्याहू दोनों सही हैं।
Image Source : Social Media हिब्रू विद्वानों और धर्मग्रंथ की भाषा थी, लेकिन ईसा मसीह की रोजमर्रा की भाषा अरामीक ही रही होगी।
Image Source : Social Media अधिकतर बाइबिल के विद्वान मानते हैं कि ईसा मसीह ने अरामीक भाषा में बोला है। उनके अंग्रेजी जानने के कोई प्रमाण नहीं हैं।
Image Source : Social Media Next : दुनिया के 10 सबसे अमीर शहर, किस नंबर पर है दिल्ली-मुंबई?