भारत के Gaganyaan Mission की क्यों हो रही दुनिया में चर्चा, पीएम मोदी ने ISRO का बढ़ाया हौसला

भारत के Gaganyaan Mission की क्यों हो रही दुनिया में चर्चा, पीएम मोदी ने ISRO का बढ़ाया हौसला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा कर दी है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान के हिस्से के रूप में निचली-पृथ्वी की कक्षा में उड़ान भरेंगे, जो पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा।

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ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में भारत के पहले क्रू मिशन पर अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया है। केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा करते समय पीएम ने यह घोषणा की।

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सभी या तो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में विंग कमांडर या ग्रुप कैप्टन हैं और उनके पास परीक्षण पायलट के रूप में काम करने का व्यापक अनुभव है, जिसका अर्थ है कि वे पहले से ही उन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रशिक्षित हैं, जहां कुछ गलत होता है। नायर पलक्कड़ के नेनमारा शहर से हैं और एनएसएस कॉलेज, जो पलक्कड़ में ही है, से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद 1999 में वायु सेना में शामिल हुए।

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अंतरिक्ष यात्रियों का चयन IAF के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में हुआ। उनमें से केवल तीन अंततः गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में जाएंगे। इसरो और ग्लावकोस्मोस (रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की सहायक कंपनी) ने जून 2019 में चार अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। चार अंतरिक्ष यात्रियों ने फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लिया है।

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गगनयान 3 दिवसीय मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में लॉन्च करके भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा। अभी गत वर्ष ही भारत ने चंद्रयान 3 और आदित्य एल-1 को भी सफलतापूर्वक लांच किया है। इस तरह लगातार अंतरिक्ष में भारत के बुलंदी छूने की दुनिया में चर्चे हैं।

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अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद भारतीय समुद्री जल में लैंडिंग के साथ उन्हें सुरक्षित धरती पर वापस लाया जाएगा। भारत के इस गगनयान मिशन की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। पूरी दुनिया पीएम मोदी के नेतृत्व और इसरो की कामयाबी की सराहना कर रही है। पीएम मोदी ने भी इसरो को सराहा है।

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