ये जनजाति खाती थी अपने ही रिश्तेदारों का मांस, शवों का नहीं होता अंतिम संस्कार

ये जनजाति खाती थी अपने ही रिश्तेदारों का मांस, शवों का नहीं होता अंतिम संस्कार

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दुनिया में एक जनजाति ऐसी भी थी, जहां शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता था

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बल्कि शवों को खा लिया जाता था, ऐसा बाकायदा एक दावत में किया जाता था

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इस जनजाति का नाम फोर है, जो पापुआ न्यू गिनी में पाई जाती है

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दरअसल इस जनजाति का मानना था कि दफनाने से मृतक के शरीर को कीड़े खा लेंगे

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ऐसे में इस जनजाति के लोग खुद ही शवों को खा लेते थे, यही इस जनजाति की प्रथा थी

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लेकिन इंसानी मांस खाने से इन लोगों को कुरू नाम की न्यूरोलॉजिकल बीमारी भी हुई, जो मौतों का कारण बनी

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हालांकि अब फोर जनजाति में ये प्रथा कम हो गई है

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द गार्जियन ने कुरू नाम की बीमारी और इंसानी मांस खाने को लेकर हालही में आर्टिकल प्रकाशित किया था

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