तुम बहुत बड़े तुर्रम खां बन रहे हो, तुम कहां के तुर्रम खां हो ऐसी कहावतें आपने अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा।
Image Source : Social Media इस कहावत का इस्तेमाल लोग एक-दूसरे पर व्यंग्य कसने के लिए करते हैं।
Image Source : Social Media लेकिन क्या आपको पता है? तुर्रम खां एक व्यक्ति का नाम था और उसी व्यक्ति के नाम पर ये जुमला बना है।
Image Source : Social Media तुर्रम खां का असली नाम तुर्रेबाज खां था, जो कि हैदारबाद के स्वतंत्रता सेनानी थे।
Image Source : Social Media तुर्रम खां ने 1857 की क्रांति में भाग लिया था और अंग्रेजों का डटकर सामना किया था।
Image Source : Social Media मंगल पांडेय द्वारा शुरु की गई 1857 की क्रांति का नेतृत्व तुर्रम खां ने हैदराबाद से किया था।
Image Source : Social Media चूंकि उस क्रांति में हैदराबाद के निजामों ने अंग्रेजों का साथ दिया था।
Image Source : Social Media लेकिन तुर्रम खां ही एक ऐसे व्यक्ति थे जो हैदराबाद की तरफ से अपनी छोटी सी सेना के साथ अंग्रेजों का सामना किया था।
Image Source : Social Media तुर्रम खां को एक दिन जंगल में मिर्जा कुर्बान अली बेग ने धोखे से पकड़ लिया और उन्हें गोली मार दी।
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