ज्यादा तीस मार खां बनने की जरूरत नहीं है, ये जुमला आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा।
Image Source : Social Media तीस मार खां उन लोगों को बोलते है जो बहुत ही बहादुरी दिखाता हो। एक तरह से बहादुरी का पर्याय है तीस मार खां।
Image Source : Social Media अब आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये तीस मार खां एक आदमी का नाम है। जिसका नाम ही जुमला बन गया।
Image Source : Social Media आइए आपको बताते है कि ये तीस मार खां कौन है और उनका ये नाम कैसे पड़ा।
Image Source : Social Media दरअसल, 'तीस मार खां' हैदराबाद के छठे निजाम मीर महबूब अली खां को कहा जाता था।
Image Source : Social Media उन्हें यह नाम उपाधी के तौर पर मिला था। यह उपाधी उन्हें तब दी गई थी जब उन्होंने 30 बाघों का शिकार किया था।
Image Source : Social Media बता दें कि निजाम ने 1880 से लेकर 1890 तक जंगलों में कैंप किया। इस दौरान उन्होंने 30 बाघों को मार गिराया था।
Image Source : Social Media इसी वजह से उन्हें यह नाम मिला और लोग उन्हें तीस मार खां के नाम से जानने लगे।
Image Source : Social Media तीस मार खां के पोते आजम शाह उनसे भी आगे निकले और उन्होंने 33 दिनों में 35 चीतों को मार डाला था।
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